दुष्कर्म के दोषी अवधेश यादव को 10 वर्ष की कैद

35 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद

17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला

सोनभद्र। आठ वर्ष पूर्व 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अवधेश यादव को 10 वर्ष की कैद एवं 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 35 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में 17 जून 2014 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि 4 मार्च 2014 को उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी अपने छोटे भाई के साथ जौ काटने डैम के पास गई थी। सायं 6:15 बजे बेटी ने अपने भाई से कहा कि वह नहाने जा रही है उसकी ओर न देखना। जब ज्यादे देर हो गया तो उसकी खोजबीन शुरू कर दी गई। गांव घर के लोगों के साथ हर संभव जगहों पर तलाश की गई, लेकिन कहीं पता नहीं चला। काफी दिन बाद अवधेश यादव के मुंह से सुनने को मिला की लड़की को गाड़ी से बाहर भेज दिया गया है। उसका कोई क्या कर लेगा। इससे पूर्ण विश्वास है कि अवधेश यादव ने ही बेटी का अपहरण किया है। इस तहरीर पर पुलिस ने अपहरण के साथ दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया और पर्याप्त सबूत मिलने पर म्योरपुर थाना क्षेत्र के बराईडाड़ गांव निवासी अवधेश यादव पुत्र अशर्फीलाल यादव के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अवधेश यादव को 10 वर्ष की कैद एवं 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 35 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।

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