- 50 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
सोनभद्र। साढ़े तीन वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी बच्चालाल को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक छत्तीसगढ़ प्रांत के बलरामपुर जिला अंतर्गत थाना रघुनाथपुर नगर के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 3 नवंबर 2018 को बभनी थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव में उसकी ससुराल है। जहां पर एक नवंबर 2018 को छठ्ठी का कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम में वह अपनी पत्नी व 14 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ गया था। उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी रात्रि 8:30 बजे शौच के लिए गई थी तो उसे अकेला पाकर बभनी थाना क्षेत्र के छिपिया गांव निवासी बच्चालाल पुत्र भजावन खरवार ने बेटी का मुंह दबाकर सन के खेत में ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। जब देर होने लगी तो बेटी को ढूढने लगे तो बेटी सन के खेत मे रोती हुई मिली और सारी बात बताई। इस तहरीर पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया और विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर बच्चालाल के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी बच्चालाल को 10 वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 50 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।
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