हिंदू आस्था के ऊपर आरपीएफ का हुआ प्रहार, लोगों में भड़का आक्रोश।

सावन के पवित्र महिने में आरपीएफ के इस कृत्य से हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी।

रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित शिव मंदिर पर हो रहे अखण्ड हरिकीर्तन को खंडित करने का आरपीएफ पर लग रहा है आरोप

सत्यदेव पांडे

चोपन-सोनभद्र। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्रावण मास में किसी भी प्रकार की किसी भी भक्तों को असुविधा ना हो इसको लेकर पूरी तरह से सजग और चाक चौंबद है तमाम तरह के गाइडलाइन जारी किए हैं वहीं दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन मोड़ पर स्थित शिव मंदिर पर मनौती पूरी होने के पश्चात एक भक्त द्वारा रविवार को अखंड हरिकीर्तन का आयोजन किया गया था जिसका सोमवार को समापन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन था परंतु रविवार को जैसे ही दोपहर में पूजा पाठ कर अखंड ज्योति जलाकर हरि कीर्तन का शुभारंभ हुआ तो रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ इंस्पेक्टर को यह नागवार गुजरा और शाम होते ही अपने दल बल के साथ पुलिसिया रौब दिखाते हुए शिव मंदिर पर पहुंचे और वहां उपस्थित आयोजक तथा साउंड आपरेटर के साथ ही भक्तों को गालियां देते हुए भक्तों के ऊपर लाठिया भाजना शुरू कर दिए। जिससे कुछ भक्तों को चोटे भी आई हैं तत्पश्चात

आरपीएफ इंस्पेक्टर द्वारा पूजा सामग्री और भंडारे हेतु रखे गए सामानों को बिखेर दिया व पूजा बंद कर सभी को वहाँ से भागने की हिदायत देते हुए चले गए। यह सुन नगर के तमाम शिव भक्तों में आक्रोश उत्पन्न हो गया। जिसके बाद लोगों ने मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह को इसकी सूचना दी सूचना पाकर अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह ने मामले को समझा फिर शिव भक्तों को लेकर चोपन थाना पहुंचे और इस मामले से थाना अध्यक्ष को अवगत कराते हुए पिड़ित के द्वारा लिखित तहरीर दी गई जिसके बाद सोमवार को भारी संख्या में लोग शिव मंदिर पहुँच गये। जहाँ मौके पर मौजूद कस्बा इंचार्ज नवनीत चौरसिया तथा आरपीएफ के तरफ से सब इंस्पेक्टर विनोद सिंह पहुंचे परंतु बात नहीं बनी लोगों का कहना था कि जब तक आरपीएफ इंचार्ज नहीं आते तब तक कोई बात नहीं होगी जिसके बाद आरपीएफ इंचार्ज से बात किया गया जिस पर उन्होंने मंगलवार की सुबह उपस्थित होने की बात कही। इस दौरान मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, जिला महामंत्री रामसुंदर निषाद, संजय जैन, हंसराज शुक्ल, प्रदीप अग्रवाल, धर्मेन्द्र जायसवाल, विकास चौबे, मनोज सिंह सोलंकी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे। वहीं जब इस बाबत आरपीएफ इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार सिंह से मोबाइल फोन पर बात करके उनका पक्ष जानना चाहा गया तो व्यस्तता का हवाला देते हुए उन्होंने फोन काट दिया।

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