सावन मास के प्रथम सोमवार को शिवद्वार मंदिर में उमड़ा जनसैलाब
हजारों कांवरिया शिव भक्तों ने अपने आराध्य देव का किया जलाभिषेक
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। सावन मास के पहले सोमवार को सोनांचल के विभिन्न अंचलों में अवस्थित शिवालयों में सुबह से ही हर हर महादेव के उदघोष से चारो तरफ वातावरण गूंजायमान हो उठा। श्रद्धालु भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेख कर फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, भाँग इत्यादि चढ़ा कर अपने
मन की मुराद अंतर आत्मा से देर शाम तक मांगते रहे।सर्वाधिक भीड़ गुप्तकाशी क्षेत्र के घोरावल स्थित शिवद्वार धाम में रही जहां हजारों की संख्या में शिव भक्तों ने अप्रतिम उमामाहेश्वर का दर्शन पूजन एवं जलाभिषेक किया। इस दौरान शिव भक्तों को कोई असुविधा ना हो इसके लिए प्रशासन एवं मंदिर समिति से जुड़े लोगों ने चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। बहुतायत कांवरिया भक्तों ने भी कतार में लगकर जलाभिषेक
करने का कार्य किया। इस दौरान मंदिर परिसर बोल बम और हर हर महादेव के नारों से गुंजित होता रहा। मुख्यालय से सटे चुर्क पहाड़ी पर स्थित पंचमुखी महादेव मंदिर, रॉबर्ट्सगंज में सोमनाथ मंदिर, वीरेश्वर महादेव मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, बरैला मंदिर, डाला की ऊंची पहाड़ी पर अवस्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर सहित जिले के अन्य शिवालय सावन के प्रथम सोमवार को सुबह से शाम तक हर हर महादेव के उद्घोष से जहां गुंजित होते रहे वही जलाभिषेक कर शिव भक्त निहाल हो रहे थे।
हमारे बीजपुर संवाददाता के अनुसार जरहा स्थित अजीरेश्वर धाम मंदिर में भोले नाथ के भक्तों की भारी भीड़ जलाभिषेख कर पूजा पाठ करती रही। परिसर में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला लगने से लोगो मे खुशी का माहौल रहा ।अजीरेश्वर धाम मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा समूचे दिन बाबा का महाप्रसाद खिचड़ी श्रद्धालुओ को खिलाया गया। मंदिर परिसर में चाक
चौबंद सुरक्षा ब्यवस्था के लिए निर्माण समिति के न्यास कर्ता राजेंद्र सिंह बघेल राजकुमार सिंह, डॉ ब्रमजीत सिंह, त्रिभुअन नारायण सिंह, गणेश शर्मा , श्यामसुंदर जायसवाल, राहुल सिंह सहित अनेक लोग चौकन्ना रहे। शांति व्यवस्था के लिए प्रभारी निरीक्षक भैया एस पी सिंह मय हमराह जवानों तथा महिला फोर्स के साथ सुबह से ही मंदिर परिसर में डटे रहे। इसी प्रकार सिरसोती शिवमंदिर, एनटीपीसी कालोनी, बेड़िया हनुमान मंदिर, दूधइयाँ माता मंदिर , सेवकाडॉड, बखरीहवा के मंदिरों में महिलाओं, बच्चों, सहित कावड़ भक्तों की भीड़ दर्शन पूजन के साथ जलाभिषेख करती रही।