नहीं रहे मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमणि शुक्ल, शोक

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा- चंद्रमणि शुक्ला का असामयिक निधन पत्रकारिता जगत की अपूरणीय क्षति

सोनभद्र। शिक्षा, साहित्य, पत्रकारिता और समाज सेवा के छेत्र में समान अधिकार रखने वाले मुर्धवां (खाड़पाथर), रेणुकूट के पंडित चंद्रमणि शुक्ल अब हमारे बीच नहीं रहे। बीती रात हृदय गति बंद हो जाने से उनका असमय अवसान हो गया। पंडित जगत नरायण शुक्ल इंटरमीडिएट कॉलेज मुर्धवा, रेणुकूट के संस्थापक प्रबंधक और वाराणसी से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक

चंद्रमणि शुक्ला (फाइल फोटो)

समाचार पत्र के संपादक तथा मीडिया फोरम आफ इंडिया न्यास के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रहे चंद्रमणि शुक्ल कई सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे और उन सभी की संवैधानिक नीतियों के तहत उन्हें अपना अपार संबल प्रदान कर रहे थे। वे अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी, दो पुत्रों एवं एक पुत्री को अविरल विलाप करने के लिए छोड़ गए हैं। उनके आकस्मिक निधन की सूचना से अत्यंत मर्माहत वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया फोरम आफ इंडिया न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि चंद्रमणि शुक्ला जी अदम्य साहसी और धीर गंभीर व्यक्तित्व के धनी शिक्षाविद व कलमकार थे, जिनकी कमी निकट भविष्य में हम सभी को सदैव खलेगी!
श्री द्विवेदी ने यह भी कहा है कि परमपिता परमेश्वर गत आत्मा को अपनी शरण में लेते हुए उन्हें परम शांति प्रदान करें एवं परिजनों को साहस व संबल देवें। इसी तरह किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर ओम प्रकाश त्रिपाठी, कवयित्री डॉक्टर रचना तिवारी, पत्रकार भोलानाथ मिश्र, राकेश शरण मिश्र, राजेश द्विवेदी, विजय विनीत, राजेश पाठक, परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव, मीडिया फोरम आफ इंडिया न्यास के जिला अध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव, महामंत्री पंकज देव पांडेय, राम अनुज धर द्विवेदी, प्रभात सिंह चंदेल, संजीव कुमार श्रीवास्तव, राजकुमार सिंह, अशोक दुबे, जगत नारायण विश्वकर्मा, विनोद गुप्त, राम जियावन गुप्ता, मनोज तिवारी, जगदीश तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, नीरज पाठक, किशन पांडेय, मस्तराम मिश्रा, नईम गाजीपुरी, अजय जौहरी, पवन अग्रवाल, मोहम्मद सलीम हुसैन, ज्ञानदास कनौजिया तारा शुक्ला और चिंता पांडेय आदि पत्रकारों ने भी अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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