सोनभद्र । जनपद में शुक्रवार को सनातन धर्म मानने वाले श्रद्धालु भीमसेनी ब्रत रख कर विधि विधान से अनुष्ठान किये । तमाम लोग व्रत भले ही नहीं रखे थे लेकिन
चावल भोजन में नही लिए । बताया गया कि निर्जला एकादशी व्रत करने से लंबी उम्र के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्कंद और पद्म पुराण के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को किया जाता है। जो व्यक्ति इस व्रत को रखता है वह सूर्योदय से लेकर अगले दिन यानी द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक पानी नहीं पीता है। इसी कारण इसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने के साथ व्रत करने से लंबी उम्र के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है। वहीं एकादशी के दिन स्नान दान का भी अधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal