सत्यदेव पांडेय
चोपन (सोनभद्र)। सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव के शहीदी पर्व पर शुक्रवार को सींख समाज ने गुरुद्वारा के समीप ठंडे मीठे पानी की छबील लगाई। सुबह से गुरुद्वारे में शर्बत का लंगर बांटा गया। दिन भर सेवादारों ने राहगीरों को शर्बत पिलाकर सेवा की, ताकि इस गर्मी में कोई कंठ प्यासा ना रहे। छबील लगाने के पीछे मानना है कि जो यातना गुरु अर्जुन देव ने सहन की वैसी यातना किसी को भी न मिले। गुरुद्वारे में सुबह से शबद कीर्तन के बाद लोगों ने छबील लगाई तथा रोड पर आने जाने वाले राहगीरों व यात्रियों को रोक रोक कर शर्बत पिलाया। वही इस बाबत पूछे जाने पर गुरुद्वारा के अध्यक्ष सरदार प्रेम सिंह ने बताया कि मीठे पानी का शर्बत ठंडक का
प्रतीक है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को प्यासा न रखें। जब मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को गर्म लोहे की कढ़ाई में बैठाकर उन पर गर्म रेत डलवाई तो वे बिल्कुल भी विचलित नहीं हुए और वाहेगुरु का सिमरन करते रहे। उन्हें पानी की बूंद तक के लिए तरसाया गया। उन दिनों जेठ का महीना था और गर्मी का दिन था। गुरु की सहनशीलता के आगे मुगल भी हार गए। तब से उनके शहीदी दिवस पर ठंडे पानी की छबील लगाई जाती है ताकि प्यास की वजह से किसी की आत्मा को कष्ट न हो। इस मौके पर कवलजीत सिंह,अजित सिंह,महताब सिंह,सतनाम सिंह,जितेन्द्र पलहा, दीपक सिंह,अनिल,मयंक सिंह,शिवम इत्यादि लोग मौजूद रहे।