अस्पताल बीमार, इलाज की दरकार

★प्रबंधन के कुप्रबंध का दंश झेल रहे मरीज

डिजिटल लेन देन से अस्पताल अनजान

नहीं है कोई ब्यवस्था

सोनभद्र। जनपद के औद्योगिक नगर रेणुकूट में पत्रकारिता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पत्रकारो में से एक वरिष्ठ पत्रकार की अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें हिंडाल्को के अस्पताल में दाखिल कराया पड़ा। इस दौरान पता चला कि अस्पताल में दवा की उपलब्धता नही है बाहर से दवाएं क्रय करके अस्पताल को उपलब्ध कराने के बाद इलाज शुरु हुआ। उर्जान्चल का लाइफ लाइन कहे जाने वाले औद्योगिक क्षेत्र के हिंडाल्को हॉस्पिटल की बात करें तो यह निजी कम्पनी का हॉस्पिटल है , जहां हजारों कर्मचारी कार्यरत है और प्लांट में आये दिन दुर्घटनाएं भी घटित होती रहती हैं। ऐसे में अस्पताल की दुर्व्यवस्था को देखकर ऐसा लगा कि हिंडाल्को प्रशासन कर्मचारियों के सुविधाओं के साथ – साथ

मानव संसाधन व सेवाओं को लेकर गम्भीर नही है। उसकी इस उदासीनता से यहां के स्थानीय रहवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सँयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है एक फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल की व्यवस्था संचालित हो रही है। साथ – साथ उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल परिसर में प्रसाधन की समुचित व्यवस्था न होने के कारण मरीजों को अत्यधिक दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। वहीं जहाँ एक ओर देश के प्रधानमंत्री डिजिटल लेनदेन व कैशलेश की बात करते हैं हिंडालको के इस नामी गिरामी अस्पताल का डिजिटल लेन देन की व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है। हिंडाल्को अस्पताल अनजान है या ये कह लें कि अस्पताल प्रशासन पर उनके फरमान का कोई असर नही है । कैश काउंटर पर बैठी अस्पताल के स्टाफ नर्स का कहना था कि उच्चाधिकारियों द्वारा कैसलेश लेन देन की कोई व्यवस्था नही की गई है। कैश जमा करने पर ही इलाज संभव हो सकेगा । श्री मिश्र के अनुसार उन्हें यह बात कब पता चला जब अकस्मात ही एक वरिष्ठ पत्रकार साथी की तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल करना पड़ा पर डिजिटल लेन- देन की व्यवस्था न होने के कारण अपने किसी परिचित से धनराशि मंगाकर इलाज कराना पड़ा । श्री मिश्रा की माने तो इस डिजिटल युग मे इतनी बड़ी इंडस्ट्रीज के चिकित्सकीय संस्थान में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा न होना प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया अभियान को ठेंगा दिखाना है। जिससे प्रतिदिन मरीजों को दो चार होना पड़ रहा है। उन्होंने हिंडाल्को प्रशासन एवं जिला प्रशासन का ध्यान उपरोक्त बिंदुओं की ओर आकर्षित करते हुए माँग की है कि जल्द से जल्द हिंडाल्को अस्पताल में डिजिटल लेन देन की ब्यवस्था शुरू कराई जाय और आकस्मिक तौर पर इलाज हेतु भर्ती होने वाले रोगियों के साथ विलंब की प्रक्रिया से परहेज किया जाए अन्यथा गंभीर रूप से अस्वस्थ मरीज अस्पताल की अव्यवस्था से परलोक भी सिधार सकता है।

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