श्रीराम का जन्म संसार से अमंगल हटाने के लिए हुआ: स्वामी ब्रह्मदेवाचार्य जी

भटपुरवा में चल रहे यज्ञ एवं श्रीराम कथा के तीसरे दिन आंधी पानी भी कथा प्रेमियों को नहीं रोक सकी!

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। उत्तराविमुखी अष्टसिद्ध संकट मोचन बाल हनुमान जी भटपुरवा, भवानी गांव की रेटीकला प्रांगण में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन व्यासपीठ से बोलते हुए श्री श्री १००८ जगतगुरु स्वामी ब्रह्मंदेवाचार्य जी महाराज ने कहा श्रीराम का जन्म जग के मंगल और संसार से अमंगल को हटाने के लिए हुआ है। जब जीव पुरुषार्थ करता है सफलता और सफलता नहीं मिलती तब प्रभु से प्रार्थना करता है, तो फिर प्रतिज्ञा करता है तो प्रभु को प्रकट होना ही पड़ता है। शरीर रूपी अयोध्या में जीव रूपी दशरथ की तीन रानियां है

ज्ञान श्री कौशल्या, क्रियाशील कैकेई, उपासनाशील सुमित्रा जिससे जीव रूपी दशरथ को सारे रूप में भगवान मिलते हैं ।ज्ञान श्रीराम का प्रतीक है, विवेक भरत का प्रतीक है, लक्ष्मण बैरागी के प्रतिक है, शत्रुघ्न जी सद्विचार के प्रतीक है और यह चारों तत्व जब पुत्र बन जाते हैं तब जीव रूपी दशरथ परमानंद में डूब जाते है । कहां आज काफी आंधी तूफान बरसात के बावजूद श्रीराम कथा सकुशल संपन्न हुई। इस अवसर पर गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य दयाशंकर देव पांडेय, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दामोदर देव पांडेय, राम विलाश शुक्ल, सोनू पांडेय, प्रभाशंकर चतुर्वेदी, शयनदेव पाण्डेय, प्रियांशु चतुर्वेदी, भोला गुप्ता, राम मूरत मौर्या, आईकन मौर्या इत्यादि कथा प्रेमी मौजूद रहे।

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