हिन्दुस्तान की अमूल्य धरोहर सलखन फासिल्स पार्क का महामहिम राज्यपाल ने किया अवलोकनसलखन फासिल्स पार्क सहित जनपद के अन्य पर्यटक क्षेत्रों के प्रचार-प्रसार हेतु साइन बोर्ड के माध्यम से लोगों को दी जाये जानकारी-महामहिम राज्यपाल

सोनभद्र जिले के सलखन फासिल्स पार्क के अवलोकन के बाद अधिकारियों से जानकारी लेती हुईं महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनन्दीबेन पटेल।


सोनभद्र।महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदी बेन पटेल दो दिनी दौरे पर सोनभद्र पहुंची। महामहिम राज्यपाल स्टाफ कार द्वारा सोनभद्र जिले के सर्किट हाउस मोड़ पर पहुंची जहां पर महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी का स्वागत डी0आई0जी0 विंध्याचल परिक्षेत्र मिर्जापुर रामकृष्ण भारद्वाज, जिलाधिकारी सोनभद्र  चन्द्र विजय सिंह, जिलाधिकारी मिर्जापुर  प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक सोनभद्र  अमरेंद्र प्रसाद सिंह, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 अमित पाल शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। महामहिम राज्यपाल जी ने वरिष्ठ अधिकारियों के कुशल क्षेम की जानकारी प्राप्त की और वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता भी की। महामहिम राज्यपाल महोदया हिन्दुस्तान की अमूल्य धरोहर सलखन फासिल्स पार्क पहुंचकर फासिल्स को देखा। इस दौरान महामहिम ने फासिल्स पार्क के इतिहास के सम्बन्ध में डी0एफ0ओ0 से जानकारी प्राप्त की, डी0फए0ओ0 द्वारा बताया गया कि यह फासिल्स प्रिकैम्बियन काल का माना गया है, इसका अनुसंधान देश-विदेश के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है तथा उनके द्वारा घोषित किया गया है कि यह फाफिल्स लगभग 150 करोड़ वर्ष पुराना है। वैज्ञानिकों द्वारा यह भी बताया गया है कि यहां का फासिल्स अमेरिका के एलो स्टोन फासिल्स से भी अधिक मात्रा में मौजूद हैं, जो विश्व का नम्बर-1 फासिल्स माना गया है। पूर्व में इस फासिल्स को प्राउड आॅफ सलखन के नाम से जाना जाता था। मा0 महामहिम ने इसके पश्चात सोन इंको प्वाइंट से यहा प्राकृतिक सुन्दरता को देखा और इको प्लाइंट परिसर मे स्थापित गणेश भगवान की प्रतिमा नी पुष्प अर्पित किया। उन्होंने इस दौरान पर्यटन के दृष्टिगत यहां की प्राकृतिक छटा के आकर्षण के बारे में पर्यटन अधिकारी से जानकारी प्राप्त की, तो क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद सोनभद्र पौराणिक, अध्यात्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों से भरपुर है। यह कृदन्ती नहीं है, बल्कि इसके लिखित एवं स्पष्ट प्रमाण भी मिलते हैं, जैसे-महाराज दुश्यन्त एवं शकुन्तला की प्रेम कहानी, कण्वऋषि के आश्रम में महाराज भरत का जन्म, दुर्वासा ऋषि द्वारा शकुन्तला को श्राप, चन्द्रकान्ता की कहानी, बाबा मोछन्दरनाथ बाबा तपोस्थली, यहां के भित्त चित्र की विस्तृत रूप से जानकारी दी। इसके पश्चात राज्यपाल महोदया ने कहा कि जनपद को पर्यटन क्षेत्र में बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए जनपद की सड़कों के किनारे साइन बोर्ड के माध्यम से जनपद के पर्यटन की जानकारी लोगों को दी जाये। इस दौरान महामहिम राज्यपाल महोदया ने कहा कि फासिल्स टूरिज्म एजुकेशन सेन्टर की स्थापना भी जनपद में की जाये, जिससे जनपद को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किया जा सके और अधिक से अधिक पर्यटक जनपद में आयें, जनपद की आदिवासी क्षेत्र के लोक नृत्य कर्मा को देखा और उसकी सराहना की और इसके सम्बन्ध में डायरेक्टर एडवेंचर टूरिज्म श्री नीरज द्विवेदी से जानकारी भी प्राप्त की।

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