सोनभद्र। देश काल और समाज हित में एक जागरूक नागरिक के उत्तर दायित्व का निर्वहन करते हुए सोनांचल के वरिष्ठ अधिवक्ता, साहित्यकार और पत्रकार राकेश शरण मिश्र प्रायः शासन प्रशासन को पत्र लिखकर वास्तविकता से अवगत कराने का कार्य लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मंगलवार को जनप्रतिनिधियों के बारे में एक पत्र देश के प्रधानमंत्री को लिखा है। श्री मिश्र ने उक्त पत्र में अपनी अभिव्यक्ति प्रकट करते हुए कहा है कि घर घर पैर पकड़ कर हाथ जोड़कर जनता से वोट माँग कर चुनाव जीतने वाले अधिकांश जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों का
ईमानदारी पूर्वक निर्वहन नही किया जा रहा है। चुनाव जीतने के बाद अधिकांश जनप्रतिनिधि अगले 5 साल में कभी भी अपने क्षेत्र की जनसमस्याओं को दूर करने के लिए जनता से जनसंवाद नही करते, इतना ही नहीं पद पर आसीन होने के बाद कभी भी जनता के दरवाजे या मोहल्ले में नुक्कड़ सभा करके उनकी जनसमस्याओं को नही सुनते। और तो और जब कोई जागरूक नागरिक जनसमस्याओं से इन्हें अवगत कराता है तो उसका संज्ञान भी नही लेते। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी को लिखे पत्र में संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं यूपी बार काउंसिल के अनुशासन समिति के सदस्य राकेश शरण मिश्र ने कहा है कि आप जनता द्वारा जनता के लिए चुने गए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी तय करे, प्रतिवर्ष उनके कार्यो और संपत्तियों का मूल्यांकन जनता से करवाए और संतोषजनक ना पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कदम उठाकर इन्हें पद मुक्त करने की कार्रवाई करें।
श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री से यह भी अपेक्षा की है कि जनता के लिए जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि पद ग्रहण करते समय भारत के संविधान की, अपने पद की शपथ तो लेते है पर कुछ दिन बाद ही राजनैतिक ग्लैमर, गाड़ी बंगला पाकर जनता से किए गए वादे भूल जाते और निज स्वार्थ में अधिकाधिक धन कमाने के चक्कर मे जनसमस्याओं से पूरी तरह मुख मोड़ लेते हैं । उन्होंने ऐसे जनप्रतिनिधियों को उनके उत्तरदायित्व का निर्वहन कराने का प्रयास जनहित में कराते हुए देश, काल और समाज का भला करने काम करें।