सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डीएम ने किया औचक निरीक्षण

डॉक्टर समेत कई कर्मी मिले अनुपस्थित

अनुपस्थित कर्मियों के वेतन भुगतान पर डीएम ने लगाई रोक

सोनभद्र (सर्वेश श्रीवास्तव)। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मधुपुर पहुंच जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बुधवार को औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित पंजिका का भी अवलोकन किया तब यह तथ्य प्रकाश में आया कि डाॅ ममता सिंह ने आकस्मिक अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र दिया था जिसे सक्षम अधिकारी द्वारा संस्तुति नहीं की गयी थी। इसी प्रकार से डाॅ खुशबू (डेन्टिस्ट) भी 29 अप्रैल से अब तक अनुपस्थित पायी गयीं। इसी प्रकार से विजिता मनिकम स्टाफ

नर्स का ईएल‌ अवकाश रजिस्टर पर चढ़ा था किंतु अवकाश स्वीकृति प्रार्थना-पत्र उपलब्ध नहीं था। धर्मावती एएनएम अनुपस्थित पायी गयीं। ऐसे में जिलाधिकारी ने अनुपस्थित डाॅक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने व उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मरीजों को दिखाने हेतु बन रही पर्ची का  भी अवलोकन किया, अवलोकन के दौरान यह तथ्य संज्ञान में आया कि मरीजों के पर्ची पर दिनांक तो अंकित किया जा रहा था, किन्तु पर्ची पर समय अंकित नहीं किया गया था, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि मरीजों की पर्ची बनाते समय तिथि के साथ समय भी अंकित किया जाये। उन्होंने प्रसुता कक्ष का भी निरीक्षण किया जहां यह देखने को मिला कि 27 अप्रैल के बाद केन्द्र पर कोई भी डिलीवरी नहीं करायी गयी। जिस पर जिलाधिकारी ने प्रसुता प्रभारी डाॅ सुषमा सिंह से जानकारी ली कि स्वास्थ्य केन्द्र के आस-पास के गांवों में कितने प्रसुता महिलाएं हैं तो वह इसके सम्बन्ध में संतोष जनक उत्तर नहीं दे सकी। जिलाधिकारी ने पैथोलाॅजी कक्ष का भी निरीक्षण किया, पैथालाॅजी में तैनात लैब असिस्टेन्ट से मलेरिया, टाईफाई, कोरोना आदि बीमारियों की जाॅच हेतु किट की उपलब्धता व किये गये जाॅच के सम्बन्ध में जानकारी ली, तो लैब असिस्टेन्ट द्वारा बताया गया कि पर्याप्त मात्रा में किट उपलब्ध है, जो भी मरीज इससे सम्बन्धी आते हैं, उनका परीक्षण की जाती है। सीएससी प्रभारी डाॅ कीर्ति आजाद को निर्देशित किया कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था बेहतर की जाये और यह भी सुनिश्चित किया जाये कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें और उन्हें बाहर से दवा न लिखी जाये।

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