दहेज हत्या: दोषी पति को उम्रकैद

  • 58 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • जेठ-जेठानी को 3-3 वर्ष की कैद व 6-6 हजार रुपये अर्थदंड की सजा
  • दुर्गावती हत्याकांड का मामला

सोनभद्र। साढ़े चार वर्ष पूर्व हुई दुर्गावती हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अभिषेक उर्फ राजा को उम्रकैद व 58 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। तथा जेठ योगेंद्र व जेठानी आरती को 3-3 वर्ष की कैद एवं 8-8 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 9-9 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक रामपुर बरकोनिया थाने में दी तहरीर में पन्नूगंज थाना क्षेत्र के अइलकर गांव निवासी मनोज कुमार गुप्ता पुत्र विजय कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया था कि उसकी बहन दुर्गावती की शादी 27 मई 2015 को जुगैल थाना क्षेत्र के घोरिया गांव निवासी अभिषेक उर्फ राजा पुत्र स्वर्गीय दुक्खी के साथ हुआ था। जब बहन विदा होकर अपनी ससुराल गई तो वहां पर ससुराल वाले दहेज में एक लाख रुपये व अन्य सामान की मांग को लेकर बहन दुर्गावती को प्रताड़ित करने लगे। जब भी बहन अति तो सारी बात बताती थी, लेकिन उसे गरीबी का हवाला देकर समझा दिया जाता था कि सबकुछ बाद में ठीक हो जाएगा। 7 अगस्त 2017 को रक्षा बंधन पर बहन दुर्गावती को लेकर उसका पति राज आया और करीब आधे घण्टे बाद बहन को छोड़कर चला गया। पुनः 8 अगस्त को अभिषेक बाइक से आया और बहन को विदा कराकर ले गया। 10 अगस्त को डेढ़ बजे दिन में नरोखर गांव के कुएं में बहन दुर्गावती का शव उतराया हुआ मिला। दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो पति अभिषेक उर्फ राजा, जेठ योगेंद्र व जेठानी आरती ने मिलकर बहन दुर्गावती की हत्या कर शव को कुएं में डाल दिया था। इस तहरीर पर रामपुर बरकोनिया पुलिस ने दहेज हत्या में एफआईआर दर्ज कर लिया और पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में पति,जेठ व जेठानी के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति अभिषेक उर्फ राजा को उम्रकैद व 58 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।तथा जेठ योगेंद्र व जेठानी आरती को 3-3 वर्ष की कैद एवं 8-8 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 9-9 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।

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