एक फार्मासिस्ट के सहारे जिला कारागार
गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता) । जिला कारागार सन् 2016 से चालु होने के बाद लगभग कारागार की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर सभी व्यवस्थाएं चल रही है लेकिन महिला पुरुष बंदियों के स्वास्थ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर छः साल बितने के बावजूद भी जिला कारागार में स्थायी डाक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। जिससे एक फामासिस्ट के सहारे जिला कारागार का चिकित्सा ब्यवस्था चल रही है। उक्त सम्बन्ध में जिला कारागार अधीक्षक जगदम्बा दूबे ने बताया कि जिला चिकित्सालय से एक डाक्टर सप्ताह में दो या तीन दिन अपनी समय से आने के बाद शाम को वापस जिला चिकित्सालय चले जाते हैं ऐसी स्थिति में रात बिरात महिला पुरुष बंदियों की आकस्मिक बीमारी हालत में जिला चिकित्सालय 15 किमी० दूर साधन व्यवस्था के साथ सुरक्षा व्यवस्था की भी एक चुनौती बनी रहती है। इसी के साथ जेल स्टाप और उनके परिजनों को भी समुचित स्वास्थ सुविधा के अभाव में अप्रशिक्षित डाक्टरों के शोषण के शिकार होते हैं। उन्होंने आगे बताया कि स्थायी डाक्टर के नियुक्ति के लिए सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया है लेकिन आज तक कोई पहल नहीं की गई है।