शिक्षक के बीमार होने से ढेड़ सौ छात्रों की नही हुई कला की परीक्षा

तैनात दो अनुदेशिका एक पखवारे से है नदारत

पंकज सिंह

म्योरपुर (सोनभद्र)। म्योरपुर शिक्षा क्षेत्र के जूनियर हाई स्कूल रासपहरी में मंगलवार को प्रधानाध्यापिका के बीमार हो जाने से लँगभग ढेड़ सौ बच्चों का कला की निर्धारित परीक्षा नही हो सकी और छात्र घण्टे भर इंतजार के बाद घर लौट गये। क्षेत्र पंचायत सदस्य अशोक मौर्या ने बताया कि स्कूल में कोई टीचर नहीं है बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। जिसमें जूनियर हाई स्कूल में दो टीचर दो अनुदेशक तैनात हैं मंगलवार

को कोई टीचर स्कूल नही पहुचे और बच्चे रोड पर घूम घूमते रहे। यह हाल है जिस गाँव के भाजपा के विधायक भी है लेकिन शिक्षकों को इसका थोड़ा भी डर नही है बच्चे पढ़े या ना पढे कोई मतलब नहीं बीएसए केवल अपना कोरम पूरा करते हैं इन अधिकारियों को केवल तनख्वाह से मतलब है। स्कूल में क्या हो रहा है क्या नहीं कोई मतलब नहीं कहा कि मुख्यमंत्री को अधिकारियों पर अंकुश लगाना चाहिये। उत्तर प्रदेश में कितने सरकारी स्कूल है जिनमे पढ़ाई नहीं होती केवल नाम के स्कूल है टीचरों को पढ़ाने में रुचि नहीं है इसलिए इन टीचरों पर कुछ कारवाई किया जाए कि आगे चलकर भविष्य में ऐसी गलती ना करें। बच्चों का भविष्य इन टीचरों से खराब हो जाए माता-पिता बच्चों को स्कूल भेजते हैं कि बच्चे हमारे स्कूल में जाकर पढ़ाई करेंगे पता चला कि टीचर ही नहीं है बच्चे घर वापस चले जाते है। खण्ड शिक्षा अधिकारी एस पी सहाय ने बताया कि नियुक्त दो अनुदेशक एक पखवारे से नही आ रही है ऐसी जानकारी मिली है। नियुक्त दो शिक्षकों में एक अवकाश पर है जबकि प्रधानाध्यापिका मंगलवार को अचानक बिमार हो गयी जो अस्पताल में भर्ती है। अनुदेशिका क्यों नही आ रही है उंन्हे नोटिस भेजा जा रहा है।

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