विस्फोटक अधिनियम: दोषी नईम अख्तर को 10 वर्ष की कैद

-23 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद

  • 12 वर्ष पूर्व गंगवा जंगल से पुलिस ने विस्फोटक सामग्री एवं तमंचा कारतूस के साथ पकड़ा था

विधि संवाददाता द्वारा

सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए विस्फोटक अधिनियम में दोषी नईम अख्तर को दोषसिद्ध पाकर 10 वर्ष की कैद एवं 23 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 3 नवम्बर 2009 को थाने में दी तहरीर में मांची थानाध्यक्ष अमरनाथ यादव ने दी तहरीर में आरोप लगाया था कि पुलिस बल के साथ राबर्ट्सगंज तहसील दिवस से अपने वाहन से थाने पर निकल रहा था कि ज्योहीं किरहुलिया पुलिया पर पहुंचा तो मुखबिर खास से सूचना मिली कि एक व्यक्ति विस्फोटक सामग्री लेकर नक्सलियों को पहुंचाने गंगवा जंगल के रास्ते जा रहा है। अगर वहां पहुंचा जाए तो पकड़ा जा सकता है। आगे बढ़ने पर एसओजी के उपनिरीक्षक वैभव सिंह भी पुलिस बल के साथ मिल गए और उन्हें भी साथ लेकर आगे बढ़े तभी गंगवा जंगल मे एक व्यक्ति हाथ मे कुछ लेकर आता दिखाई दिया। उसे दौड़ाकर पुलिस ने पकड़ लिया। उसके कब्जे से तमंचा, जिलेटिन रॉड एवं डेटोनेटर बरामद हुआ। इस तजरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी नईम अख्तर को 10 वर्ष की कैद एवं 23 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगती होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।

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