कोर्ट ने 30 मार्च को वादी व विवेचक को किया तलब

मृत महिला के बेटे राकेश के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने लिया संज्ञान

  • लापरवाह अवर अभियंता एवं विवेचक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए भेजा पत्रक

विधि संवाददाता

सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सोनभद्र खलीकुज्ज्मा की अदालत ने शनिवार को मृत महिला के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराए जाने एवं विवेचक द्वारा मृत महिला का बयान दर्ज कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए लापरवाह मुकदमा वादी एवं विवेचक के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए विभागीय कार्रवाई के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश सरकार एवं एमडी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लखनऊ को पत्रक भेजा है। साथ ही वादी एवं विवेचक को 30 मार्च को कोर्ट में तलब किया है। बता दें कि घोरावल थाने में 30 जून 2016 को दी तहरीर में अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा 33/11 केवी घोरावल ने आरोप लगाया है कि 29 जून 2016 को घोरावल थाना रोड पर स्थित कई घरों की बिजली की जांच की गई तो मृत प्यारी देवी पत्नी रामनाथ एवं अन्य लोगों जिनका बिजली कनेक्शन बिल बकाया होने की वजह से पूर्व में ही काट दिया गया था। लेकिन जांच में उपभोग करते हुए पाया गया। इस तहरीर पर पुलिस ने धारा 138बी विद्युत अधिनियम में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दी गई। विवेचक बजरंगबली चौबे एसआई घोरावल ने विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया। जब इसकी जानकारी मृत प्यारी देवी के बेटे राकेश कुमार सिंह को हुई तो वह अवाक रह गया। 27 अगस्त 2019 को न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में राकेश कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि उसकी माँ प्यारी देवी की मौत 27 सितंबर 2010 को हो गई है। जिसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी प्रार्थना पत्र के साथ दाखिल किया है। उसने यह भी अवगत कराया है कि उसके मां के नाम से बकाया विद्युत बिल भेजा गया था तो उसका भुगतान भी कर दिया गया है। बावजूद इसके मृत मां के विरुद्ध मुकदमा चलाया जा रहा है। इसका निस्तारण किया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने जब अवलोकन किया तो पता चला कि प्यारी देवी की मौत वर्ष 2010 में ही हो चुकी है, बावजूद इसके मुकदमा वादी अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा ने 30 जून 2016 को एफआईआर दर्ज कराया है। इतना ही नहीं विवेचक बजरंगबली चौबे ने केस डायरी में पर्चा नम्बर 6 में मृत प्यारी देवी का बयान भी दर्ज किया है और न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल किया है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि वादी अवर अभियंता एवं विवेचक ने अपने कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरती है। इतना ही नहीं ऑफिस अथवा घर पर बैठकर फर्जी एफआईआर एवं विवेचना की गई है। यह एक गम्भीर लापरवाही है। लिहाजा विवेचक बजरंगबली चौबे के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश एवं अवर अभियंता ध्यानचंद वर्मा के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए एमडी विद्युत कारपोरेशन लखनऊ को पत्रक भेजा है। वहीं 30 मार्च को अवर अभियंता एवं विवेचक को न्यायालय में तलब किया गया है।

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