उत्पादन निगम में अनुरक्षण कार्य मे अनुबंधित गाड़ियों को हटाए जाने के विरोध में अभियंताओं ने निकाला पैदल मार्च

सोनभद्र।उत्पादन निगम में अनुरक्षण कार्य मे अनुबंधित गाड़ियों को हटाए जाने के विरोध में अभियंताओं ने निकाला पैदल मार्च

उत्पादन निगम की विभिन्न परियोजनाओं पर चेयरमैन द्वारा खंड स्तर पर अनुरक्षण कार्य हेतु अनुबंधित वाहनों को हटाने के लिए के निर्देश दिए गए है जिसके विरोध में अभियंता संघ और अधिकारी एसोसिएशन द्वारा सोमवार सुबह अनपरा कॉलोनी के ऊर्जा द्वार से मुख्य महाप्रबंधक आफिस प्रांगण तक पैदल मार्च करके प्रबंधन के इस निर्णय के विरोध में पैदल मार्च किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में अभियंताओं ने एकत्रित होकर पैदल मार्च में भाग लिया। बताते चलें कि खंड स्तर की गाड़ियां हटाने से परियोजना का अनुरक्षण एंड संचालन कार्य बुरी तरह प्रभावित हो सकता है जिससे परियोजना का उत्पादन प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है। अनुबंधित वाहनों से सामान्य ऑफीस ड्यूटी कार्य के अलावा तमाम अनुरक्षण से संबंधित जरूरी कार्यों को संपादित करने के लिए किया जाता है तथा इकाई में एमरजेंसी पड़ने पर इकाइयों पर तत्काल पहुंच कर संभावित उत्पादन ह्रास को भी रोकने का कार्य किया जाता है इससे निगम को भारी आर्थिक नुकसान होने बच जाता है। ऐसे में जब सैकड़ो गाड़ियों को अनुबंध से हटा दिया जाएगा तब न सिर्फ परियोजना का अनुरक्षण प्रभावित होगा बल्कि इससे ऐसे सैकड़ों परिवार जिनको आस पास के जनजातीय समुदायों के लोगों को रोजगार मिला हुआ है, के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में जब प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई है और सभी संगठनों ने इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराई है तब इस तरह के फैसला न सिर्फ गलत है बल्कि प्रबंधन के अदूरदर्शिता का द्योतक है। इसी तरह के मनमाने फैसले लेते हुए मुख्यालय प्रबंधन द्वारा अनुरक्षण बजट को भी दबाव बनाकर भारी मात्रा में कम कराया जा रहा है जिससे न सिर्फ मशीनों के रखरखाव और दुर्घटना बल्कि संभावित आउटेज होने का भी खतरा पैदा होने की संभावना है। जिससे स्पष्ट है कि कही न कही प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विभाग में साजिश करते हुए महंगी बिजली खरीद का कुचक्र रचा जा रहा है बल्कि अधिकारियों के उत्पीड़न की भूमिका भी उच्च प्रबंधन के द्वारा रची जा रही है। अभियंता समुदाय ऐसे किसी भी कुचक्र को कड़े शब्दों में निंदा करता है बल्कि निगम हित में आवश्यक कदम उठाने को भी तैयार है। अभियंता समुदाय प्रबंधन से इस फैसले को तत्काल वापस लेने का अनुरोध करते है। अन्यथा की स्थिति में यदि इन वजहों से किसी अधिकारी पर दंडात्मक कार्यवाही की जाती है अथवा परियोजना का जनरेशन प्रभावित होता है तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी उच्च प्रबंधन की होगी।
आज के पैदल मार्च कार्यक्रम में सैकड़ों अभियंताओं के साथ अभियंता संघ के क्षेत्रीय सचिव इं रोहित राय, इं विनोद कुमार, इं मनोज यादव, इं अभिषेक बरनवाल, इं अभिषेक त्रिपाठी तथा अधिकारी एसोसिएशन से महासचिव इं उत्पल शंकर, इं राजकुमार सिंह, इं एस पी यादव आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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