दुष्कर्म के दोषी जगतनारायण को 10 वर्ष की कैद

  • एक लाख 500 रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
  • 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ साढ़े तीन वर्ष पूर्व किया था दुष्कर्म
  • अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख 500 रुपये पीड़िता को मिलेगी
    सोनभद्र। साढ़े तीन वर्ष पूर्व आटा चक्की पर जाते समय 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी जगत नारायण खरवार को 10 वर्ष की कैद एवं एक लाख 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख 500 रुपये पीड़िता को मिलेगी।
    अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 14 दिसंबर 2018 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 13 दिसंबर 2018 को रात्रि 6-7 बजे उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी आटा चक्की पर आटा लेने जा रही थी। तभी रास्ते में म्योरपुर थाना क्षेत्र के सोढो गांव निवासी जगत नारायण खरवार पुत्र मनराज खरवार ने जबरन दुष्कर्म किया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर जगत नारायण खरवार के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी जगत नारायण खरवार को 10 वर्ष की कैद एवं एक लाख 500 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख 500 रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्य प्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।
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