मृदुल मन बजे पखावज साज आपका स्वागत है ऋतुराज

लखनऊ।मृदुल मन बजे पखावज साज आपका स्वागत है ऋतुराज
साहित्य वीथिका की प्रथम ऑफ़ लाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन मंजूषा श्रीवास्तव’मृदुल’जी के आवास इंदिरानगर लखनऊ में बसन्तोत्सव के रूप में आयोजित की गई।देर रात्रि तक बसन्त के आगमन पर कविताओं का बयार चलता रहा वही श्रोताओं को सृंगार रस,बीर रस एवं हास्य रस पर आधारित काव्य की शानदार प्रस्तुति से श्रोता तराबोर दिखे।
मुख्य अतिथि लखनऊ विश्व विद्यालय की भूतपूर्व रिसर्च आफिसर ,आगमन संस्था की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा बोरा जी ,विशिष्ठ अतिथि वैदेही वेल्फेयर फाउंडेशन कि संस्थापक डॉ रूबी राज सिन्हा एवं संरक्षिका नमिता सुंदर जी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया गया।
माँ शारदा की आराधना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । जिसमें बेबी काव्या श्रीवास्तव ने माँ की वंदना पर नृत्य प्रस्तुति दी।वर्षा श्रीवास्तव जी ने मधुर वाणी में मां की वंदना प्रस्तुत की ।बेबी निष्ठा श्रीवास्तव के गीत के साथ कवयोत्सव प्रारंभ हुआ। नीरजा नीरू जी के मंच संचालन ने समा बांध दिया ।
सुश्री आस्था माथुर,अंजलि सारस्वत शर्मा, मीनाक्षी शुक्ला, नीलू जी ,रूबी जी, रेखा जी,नीरजा नीरू, मंजूषा श्रीवास्तव, शशि तिवारी, अरुणा सिंह जी ने अपनी सुंदर सार्थक रचनाओं से सभी कस मन जीत लिया ।
हल्द्वानी से वीडियो के माध्यम से रचना पथिक जी ने भी एक गीत की परस्तुति दी।
अतिथिगण के आशीर्वचनों एवं अध्यक्ष मंजूषा श्रीवास्तव’मृदुल’जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ ।
मंजूषा श्री वास्तव’मृदुल’

Translate »