आंचलिक कवि सम्मेलन में कवियों का हुआ सारस्वत सम्मान
अवसर था सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी के 74 वें जन्मदिन की पूर्व संध्या का
घोरावल के खिरीहटा ग्राम पंचायत में कवियों के रचनाओं का ग्रामीणों ने लिया आनंद
सोंनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- जनपद के घोरावल विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत ख़िरीहटा में रविवार को जनपद सोंनभद्र में चाचा जी के नाम से पत्रकारो के दिलो में राज करने वाले वरिष्ठ पत्रकार एवम सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी जी के 74 वें जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर नगर की प्रमुख साहित्यिक संस्था सोन साहित्य संगम ने आंचलिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान संस्था से जुड़े कवियों ने एक से बढ़कर काब्यपाठ करके उपस्थित श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता संस्था के संरक्षक ओम प्रकाश त्रिपाठी ने किया बतौर मुख्य अतिथि मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी उपस्थित रहे। काब्य संध्या की शुरुआत मंचासीन कवियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर पुष्प एवम दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। इसके बाद कवि सरोज सिंह द्वारा सरस्वती वंदना करके काब्य संध्या की विधिवत शुरुआत की गयी। काब्य संध्या में विशिष्ठ अतिथि के रूप में समाजसेवी व वरिष्ठ नेता राजेश द्विवेदी ‘राज’ के काब्य पाठ की जमकर काव्य प्रेमियों ने सराहना की। अध्यक्षता कर रहे कवि ओम प्रकाश त्रिपाठी ने आदमी वो आदमी अब रहा ना आदमी सुनाकर श्रोताओ को ताली बजाने पर मजबूर कर
दिया। सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र ने “उठा पटक का खेल शुरू है, कोई चेला कोई गुरु है” सुनाकर वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर करारा चोट किया और लोगों को वाह वाह कहने के लिए मजबूर कर दिया। मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने “हाय ये प्रचंड धूप” सुनाकर श्रमिको की दशा को उकेरने का काम किया और वाहवाही लूटी। इसके अलावा शिक्षक एवम कवि उमेश शुक्ल, ब्रम्हानंद शुक्ल, सरोज सिंह, परमेश्वर दयाल पुष्कर ने भी एक से बढ़कर एक काब्यपाठ करके सभी श्रोताओं को काब्य रस में सराबोर कर दिया। काब्य संध्या का सफल संचालन कर रहे शिक्षक एवम कवि गणेश देव पांडेय ‘ग्रामीण’ ने भी समसामयिक काब्य पाठ करके लोगो की खूब तालियां बटोरी। स्वागत संबोधन संयोजक राकेश शरण मिश्र ने ज्ञापित किया एवम आभार अनुज शुक्ला ने ब्यक्त किया।इस मौके पर श्री कांत शुक्ला,उमेश शुक्ला,मंजुलेश शुक्ला, मीडिया फोरम ऑफ इंडिया के जिलाध्यक्ष राजेश गोस्वामी,समाज सेवी राजकुमार सिंह,कल्लू राम,अधिवक्तता रामानुज धर द्विवेदी, अधिवक्तता राजेश देव पांडेय, समेत सैकड़ो काव्य प्रेमी उपस्थित थे। अंत में सभी साहित्य मनीषियों को ग्राम वासियों ने बाटी, चोखा, दाल और खीर का रसास्वादन कराया।
कवियों का हुआ सारस्वत सम्मान
आंचलिक कब सम्मेलन में कविता पाठ करने वाले रचनाकारों का सोन साहित्य संगम एवं सोन विंध्य गंगा सेवा संस्कृत संस्थान की ओर से सारस्वत सम्मान किया गया। दोनों संस्थानों के प्रमुख राकेश शरण मिश्र एवं डॉ परमेश्वर जाल पुष्कर द्वारा पंडित ओम प्रकाश त्रिपाठी गणेश देव पांडेय, सरोज कुमार सिंह, ब्रह्मानंद शुक्ल, राजेश द्विवेदी, उमेश शुक्ला, राजेश गोस्वामी और राम अनुज धर द्विवेदी को अंगवस्त्रम ओढा कर और स्मृति चिन्ह तथा लेखनी व पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर खिरीहटा ग्राम प्रधान एवं पूर्व ग्राम प्रधान तथा युवा समाजसेवी उमेश शुक्ल और अनुज शुक्ल द्वारा वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी का अभिनंदन कर उनके लंबी उम्र की मंगल कामना की गई।