हत्या के दोषी पिता-पुत्रों को 10-10 वर्ष की कैद

  • 33-33 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
  • साढ़े नौ वर्ष पूर्व हुए तहरुन निशा हत्याकांड का मामला

सोनभद्र। साढ़े नौ वर्ष पूर्व हुए तहरुन निशा हत्याकांड के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी पिता-पुत्रों को 10-10 वर्ष की कैद एवं 33-33 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली में 21 जुलाई 2012 को दी तहरीर में राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के देवरी गांव निवासी मुमताज पुत्र स्वर्गीय रफीक ने आरोप लगाया था कि 19 जुलाई 2012 को 3 बजे दिन में गांव के बब्लू, दिलीप पुत्रगण शिवनाथ व शिवनाथ पुत्र सीताराम एकराय होकर उसकी जमीन पर चढ़ आए और बांस-बल्ली गाड़कर कब्जा करने लगे। जब इसका विरोध जताया गया तो पिता-पुत्रों ने भद्दी-भद्दी गाली देने लगे तथा यह धमकी दिया कि आज जो भी हमलोगों के बीच में आएगा उसको जान से मार दिया जाएगा। इसीबीच बब्लू ने उसकी पत्नी के सिर पर लोहे की रॉड से प्रहार करके गंभीर चोट पहुंचा दिया और उसे भी दिलीप ने लाठी से मारा तो बायां हाथ टूट गया। उधर गम्भीर चोट लगने की वजह से पत्नी वेहोश हो गई। शोरगुल की आवाज सुनकर कई लोग आ गए और बीच बचाव किया। पत्नी को दवा-इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक इलाज के बाद गम्भीर हालत को देखते हुए बीएचयू वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने बब्लू, दिलीप व शिवनाथ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया था। पुलिस विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत पाए जाने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों बब्लू, दिलीप व शिवनाथ को 10-10 वर्ष की कैद एवं 33-33 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।

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