- 30-30 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद
- 8 वर्ष पूर्व हुए सामुहिक दुष्कर्म का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। 8 वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ हुए सामुहिक दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषियों राम रतन व दलथम्मन को 20-20 वर्ष की कैद एवं 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 10 सितंबर 2013 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 2 सितंबर 2013 को शाम 7 बजे उसकी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी अपनी मां और बड़ी बहन के साथ पैदल ही चागा जंगल के रास्ते पैदल ही अपने ननिहाल जा रही थी कि स्कूल के पास बैठे राम रतन व दलथम्मन ने जबरन उसे पकड़ लिया और मुंह बंद करके जंगल झाड़ी में लेजाकर सामुहिक दुष्कर्म किया। किसी तरह भागकर लड़की घर आयी तो सारी जानकारी दी। इस तहरीर पर पुलिस ने सामुहिक दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों राम रतन व दलथम्मन को 20-20 वर्ष की कैद एवं 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।