आइकॉम्स कोयला उद्योग के आधुनिकीकरण व दीर्घकालिक विकास की दिशा में है अनूठा प्रयास- डॉ अनिल कुमार जैन, सचिव- कोयला मंत्रालय, भारत सरकार

एनसीएल में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस “आइकॉम्स-2021” का हुआ शुभारंभ

सोमवार को भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) में दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस “आइकॉम्स 2021” का उद्घाटन किया गया | विश्व ऊर्जा दिवस के अवसर पर आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में आईआईटी बीएचयू, वाराणसी नॉलेज पार्टनर के रूप में सहयोग कर रही है | यह कॉन्फ्रेंस हाइब्रिड मोड में आयोजित की जा रही है जिससे विश्व भर के प्रतिष्ठित विषय विशेषज्ञ उपस्थित होकर या वर्चुअल माध्यम से जुड़ रहे हैं |

कार्यक्रम का शुभारंभ सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार डॉ अनिल कुमार जैन ने बतौर मुख्य अतिथि, वर्चुअल माध्यम से किया । अपने सम्बोधन में डॉ अनिल कुमार जैन ने इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए सीएमडी एनसीएल श्री पीके सिन्हा एवं टीम एनसीएल को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से वर्तमान समय में कोयला व ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों व प्रमुख चुनौतियों की पहचान करने व भविष्य के लिए सतत व बेहतर कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी ।
डॉक्टर जैन ने कोयला उद्योग में नवीनतम तकनीकी के उपयोग, खनन प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण, ऊर्जा दक्षता व हरित खनन, अधिभार के बेहतर नियोजन, अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ाने, निर्बाध ऊर्जा आपूर्ति के लिए स्वदेशी तकनीकी विकसित करने पर विशेष ज़ोर दिया |

उद्घाटन समारोह के दौरान, बतौर संरक्षक बोलते हुए सीएमडी एनसीएल एवं एमसीएल प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस बदलते ऊर्जा परिदृश्य में कोयला उद्योग को एक नई दिशा देगी । वर्ष 2023-24 तक कोल इंडिया की 1 बिलियन टन उत्पादन योजना के आलोक में, यहाँ से प्राप्त प्रासंगिक सुझाव बेहद अहम साबित होंगे । श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि एनसीएल से संबद्ध सभी पावर प्लांट्स के पास आज पर्याप्त कोयला स्टॉक उपलब्ध है ।

इनकी रही उपस्थिति
इस दौरान अपर सचिव , कोयला मंत्रालय, भारत सरकार एम नागराजू , निदेशक (तकनीकी), कोल इंडिया लिमिटेड बिनय दयाल वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे ।
साथ ही भूतपूर्व सीएमडी इसीएल अब्दुल कलाम, भूतपूर्व उप खान सुरक्षा महानिदेशक राकेश कुलश्रेष्ठ, भूतपूर्व निदेशक(वित्त एवं कार्मिक), एनसीएल एन एन ठाकुर, भूतपूर्व निदेशक(तकनीकी), एमसीएल बबन सिंह , एनसीएल के निदेशक(तकनीकी/संचालन) डॉ अनिंद्य सिन्हा, निदेशक(वित्त एवं कार्मिक) राम नारायण दुबे, निदेशक(तकनीकी/परियोजना एवं योजना) एस एस सिन्हा, पर्यावरण और वन मंत्रालय, भोपाल से एचवीसी चारी, आईआईटी बीएचयू से प्रोफ़ेसर पीयूष राय, देश के प्रतिष्ठित प्रद्योगिकी संस्थान (आईआईटी व एनआईटी) से आए हुए खनन विभाग के दिग्गज, परियोजनाओं के महाप्रबंधकगण, एनसीएल मुख्यालय के विभागाध्यक्ष, एनसीएल जेसीसी के सम्मानित सदस्यगण , कृति महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती संगीता सिन्हा व उपाध्यक्षा श्रीमती सुचंद्रा सिन्हा व श्रीमती लक्ष्मी दुबे, खनन व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिनिधि, तथा बड़ी संख्या में एनसीएल के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

प्रदर्शनी का हुआ उदघाटन

इस अवसर पर खनन क्षेत्र से संबन्धित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों, स्टार्ट-अप कंपनियों तथा मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) के उत्पादों व तकनीकी समाधानों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया जहां पर 51 स्टॉल लगाई गयी हैं | साथ ही देश विदेश से प्राप्त तकनीकी शोध पत्रों की पोस्टर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन हुआ |

विशेषज्ञ कर रहे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन “खनन उद्योग में वर्तमान प्रथायेँ व नवाचार” तथा “इंडस्ट्री 4.0(चौथी औद्योगिक क्रान्ति) के परिप्रेक्ष्य में खुली खदानों में खनन का भविष्य” की थीम पर दिग्गज मंथन कर रहे हैं |

इन दोनों विषयों के तहत बंद हो चुकी भूमिगत खदानों में कृषि उत्पादों के भंडारण, उत्पा दकता पर रोशनी(इल्यूमिनेशन) के प्रभाव, अधिबार हटाने की अभिनव रणनीति, स्मार्ट प्रौद्योगिकी की मदद से खनन में रियल-टाइम सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली का विकास, कोयले के विभिन्न ग्रेडों के मिश्रण या पृथक्करण से राजस्व की बढ़ोत्तरी, सॉफ़्टवेयर की मदद से सरफ़ेस खदानों में हॉल रोड की डिज़ाइन और मॉडलिंग, पंपों का स्वचालन और ऊर्जा संरक्षण, खनन प्रक्रिया की निगरानी और सुरक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग, खदानों में डिजिटल पहल, तकनीकी की मदद से ट्रक डिस्पैच सिस्टम की बेहतरी व मशीनी बेड़े का बेहतर प्रबंधन जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही है |

100 से अधिक शोधपत्र किए जा रहे हैं प्रस्तुत

इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के दौरान विश्व भर से खनन विशेषज्ञ, शिक्षाविद, टेक्नोक्रैट, औद्योगिक निर्माता व विद्यार्थी उत्पादन व उत्पादकता, खुली खदानों में खनन के दौरान सुरक्षा, खनन के टिकाऊ एवं पर्यावरणीय तरीके, अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी, ऊर्जा के लिए आवश्यक उन्नत श्रोत व तकनीकी जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर 100 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं |

गौरतलब है कि एनसीएल देश की ऊर्जा संरक्षा सुनिश्चित करते हुए स्वच्छ ऊर्जा, हरित खनन, कार्बन फुटप्रिंट में कमी, दीर्घकालिक विकास, शोध एवं विकास, आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा नवाचार पर विशेष बल दे रही है जिससे कोल इंडिया सहित पूरे कोयला उद्योग को दूरगामी लाभ होंगे |

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