अमवार कनहर पांगन नदी में एसडीएम का छापा, एक टीपर धराया

अधिकरियों की मूवमेंट की सूचना लोकेशनदाताओ ने कर दी लीक ,खननकर्ता ने हटवा ली नदी से ट्रैक्टर

पूरे रात बघाडू रेंज कार्यालय से विनोद मोड़ ,अमवार तक सिंडिकेट के गुर्गे रहते है तैनात

दुद्धी-सोनभद्र(समर जायसवाल)- शुक्रवार की मध्यरात्रि उपजिलाधिकारी रमेश कुमार व सीओ राम आशीष यादव ने दुद्धी कस्बे से 14 किमी दूर अमवार में कनहर व पांगन नदी में ट्रेक्टरों के माध्यम से हो रहे लगातार अवैध खनन की सूचनाओं पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान कोई भी ट्रैक्टर अधिकारियों के जद में नदी आ सका, सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों की अमवार की तरफ मूवमेंट की सूचना लोकेशन में लगे गुर्गों ने लिक कर दी और अधिकारियों को खाली हाथ लौटना पड़ा,वहीं लौटते समय बालू का परिवहन कर रहा एक टिपर बालू अधिकारियों को ने पकड़कर ओवलोड के आरोप में पकड़कर अमवार चौकी को सुपुर्द कर दिया ,वहीं अग्रिम कार्रवाई हेतु इसकी सूचना खनन विभाग को दे दी| तहसील प्रसाशन की कार्रवाई से अमवार क्षेत्र में हड़कंप मच गया| उपजिलाधिकारी ने बताया कि छापेमारी के अभियान जारी रहेगा| उपजिलाधिकारी ने बताया कि कनहर बांध के सुरक्षा में लगे 12वीं पीएसी की सतर्कता की भी जांच की गई ,आगामी चुनाव के दृष्टिगत पीएसी बल को झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा से आने जाने वाले लोगों पर विशेष सतर्कता रखने हेतु निर्देशित किया गया। उधर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अमवार में पुनर्वास ब्लॉकों के नाली निर्माण में व हर घर नल योजना के तहत चल रहे एलएनएटी के साइट पर इन दिनों स्थानीय पांगन व कनहर नदी के विभिन्न मुहानों से ट्रेक्टरों के माध्यम से एक सिंडिकेट बनाकर धड़ल्ले से बालू गिराने का काम चल रहा है ,और सरकार को लाखों रुपये प्रतिदिन राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। वहीं सूत्रों ने बताया कि कल शुक्रवार को बालू अभाव में बन पड़ा नाली का कार्य आज तड़के सुबह 6 बजे से ही नाली ढलाई का कार्य शुरू कर दिया गया ,ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों के पहुँचने के पहले ही कई ट्रेक्टरों के माध्यम से दर्जनों ट्रैक्टर बालू निर्माणाधीन साइट पर दे दी जा चुकी थी जिससे बालू अभाव में कल बन्द पड़ा निर्माण कार्य आज से शुरू हो गया।

छत्तीसगढ़ में टीपर वाहन के नाम नहीं जारी होती कोई परमिट

दुद्धी-सोनभद्र(समर जायसवाल)- शुक्रवार की रात्रि पकड़े गए टीपर पर मौजूद प्रपत्रों को पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने कूटरचित होने का आरोप लगाया है ,उनका कहना है छत्तीसगढ़ के बालू घाटों टीपर के वाहन के लिए उनके क्षमता के बराबर परमिट जारी नहीं होती ,और बालू लदे टीपर या अन्य वाहनों का रूट सागोबांध – कुदरी – म्योरपुर बायां आश्रम है , लेकिन सूत्र बताते है कि इन दिनों कुछ टिपर कोरची, भीसुर होकर आ रही थी अगर ऐसा होता तो छत्तीसगढ़ के बालू घाटों पर प्रतिदिन सैकड़ो टीपर बालू लादने जा रहे होते।

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