डाला-सोनभद्र(गिरिश चंद) : विकासखंड चोपन अंतर्गत कोटा ग्राम पंचायत में सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव की 75वी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम को धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक आशीष ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया वही कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी सुख सागर उपाध्याय द्वारा की गई। कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के तौर पर मृदुल व एडवोकेट संजय पांडे उपस्थित रहे। इस दौरान जिला प्रचारक आशीष ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अंतर्गत भारत माता को विदेशी दासता से मुक्त कराने वाले वीर सपूतों देश पर सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले आजादी के दीवानों क्रांतिकारियों भारत के स्वाधीनता का बिगुल बजाने वाले ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ हथियार उठाने वाली देसी हथियारों से विजयश्री हासिल करने वाले अंग्रेजी सेना को धूल चटाने वाले देश के अस्तित्व स्वाभिमान की रक्षा करने वाले अंग्रेजी राज्य के चूल्हे हिला देने वाले अंग्रेजों द्वारा तोप के मुंह पर बात कर उड़ा दिए जाने वाले बलिदानी क्रांतिकारियों आदिवासी नायको महानायकों के त्याग तपस्या और बलिदान संघर्ष की गौरव गाथा विस्तारपूर्वक बताइ। उन्होंने सोनभद्र के निलांबर और पिताम्बर द्वारा दिए गए बलिदान को भी याद दिलाया , वहीं संचालन कर रहे बाबा तिवारी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम नरेश त्रिपाठी का जिक्र करते हुए बताया की इनका जन्म 22 मार्च 1920 को कोटा गाँव में एक साधारण परिवार में हुआ था वे बचपन से ही गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे। बहुत कम आयु में ही इनका विवाह हो गया था, किन्तु आजादी के प्रति दिवानगी के कारण वे स्वंतत्रता आंदोलन में कूद पड़े l 17 वर्ष की आयु में ही अंग्रेजी सरकार ने इन्हें गिरफ्तार कर बस्ती जेल में भेज दिया l तरह तरह की यातनाओं को सहन करने के बाद भी ये अपने कर्तव्य पथ से नहीं डिगे, आजादी के बाद भी इन्होंने अपना जीवन सोनंचल के आदिवासियों के उत्थान में बिताया। सन्त विनोबा भावे जी के साथ भूदान महायज्ञ में भी देश के कोने कोने में भ्रमण किया इनके त्याग और बलिदान को सदैव स्मरण किया जायेगा। 13 जनवरी 2007 को इनका देहावसान हो गया, इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।