क्रांति पथ से गुजरेगी तिरंगा यात्रा
- कुल 8 सेनानियों का होगा जयघोष
- यात्रा के कई पड़ाव जुड़े हैं स्वतंत्रता आंदोलन से
- गौरव वाटिका पर सभा के साथ सम्पन्न होगा कार्यक्रम
- राष्ट्रप्रेम की कविताओं के साथ उपस्थित रहेंगे एक दर्जन कवि
सोनभद्र, आज निकलने वाली तिरंगा यात्रा का स्वरूप ऐतिहासिक होगा , 16 मई 1921 को गौरी शंकर मंदिर पर बीस हज़ार व्यक्तियों ने एकत्रित होकर विदेशी वस्त्रों की होली जलाई थी, इसीलिए यात्रा गौरी शंकर मंदिर से ही प्रारम्भ हो रही है। अमृत महोत्सव समिति के संयोजक भोलानाथ मिश्र ने बताया कि यात्रा की एक टुकड़ी जमसोकर शिव मंदिर से यात्रा प्रारंभ करेगी और ओइनी मिश्र, महुरेशर व दुरावल होती हुई गौरीशंकर धाम पहुंचेगी।जहां से यह ऊँचडीह, देवरी कला, देवरी खुर्द होते हुए मड़ई , तियरा स्थित गौरव वाटिका में पहुंच कर सभा में तब्दील हो जाएगी ।
श्री मिश्रा ने बताया कि इस यात्रा के मार्ग पर स्वतंत्रता के महानायक पँ महादेव चौबे सहित कुल आठ सेनानियों का घर है जहां तक इस यात्रा को पहुंचना है।
इस यात्रा की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुए श्री मिश्र ने बताया कि यात्रा देवरी खुर्द भी जाएगी जहां 1930 में नमक कानून भंग हुआ था , तत्पश्चात यह यात्रा ग्राम तियरा स्थित गौरव वाटिका , मड़ई पर पहुंच कर एक सभा में परिवर्तित हो जाएगी जहां विजय शंकर चतुर्वेदी ने अपने पूर्वजों की स्मृति में गौरव वाटिका का निर्माण किया है।
गौरव वाटिका में साहित्यकार अजय शेखर की अध्यक्षता में एक कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें एक दर्जन कवि देशभक्ति पर कविता पाठ करेंगे।
कार्यक्रम के सह आयोजक दीपक कुमार केसरवानी ने बताया कि ऊँचडीह – ओइनी मिश्र को क्रांति पथ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि 3 किमी के अंदर इसी रास्ते पर अविभाजित मिर्जापुर के महानायक पँडित महादेव चौबे सहित कुल आठ सेनानियों का निवास है जिन्होंने भारत माता की आज़ादी के लिए त्याग की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की थी ।
श्री केसरी ने बताया कि तिरंगा यात्रा सेनानीगण पँ महादेव चौबे, प्रभाशंकर शर्मा, देवेन्द्रनाथ चौबे, गौरीशंकर देव् पांडेय, बाल गोविंद पांडेय, अक्षयवर उपाध्याय, राधप्रसाद शर्मा और मटुकधारी शर्मा के घर तक जाकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करेगी ।
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कवि गोष्ठी का आयोजन
गौरव वाटिका में आयोजित कवि गोष्ठी मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के निदेशक अजय शेखर की अध्यक्षता में सम्पन्न होगी ।
गोष्ठी में जगदीश पंथी,प्रद्युम्न त्रिपाठी , अशोक तिवारी, धर्मेश चौहान, कौशल्या कुमारी चौहान, दिवाकर द्विवेदी, विजय विनीत, दयानंद सिंह दयालु, प्रभात सिंह चंदेल, ईश्वर विरागी, सुशील राही, विकास वर्मा व कमलनयन तिवारी भाग लेंगे।
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क्या है गौरव वाटिका
1941 के व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन में स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक पँ महादेव चौबे गिरफ्तार कर लिए गए, उनके दोनों पुत्रों प्रभाशंकर व देवेन्द्र नाथ को भी अंग्रेजी हुकूमत ने जेल में ठूस दिया, अंग्रेजों का जुल्म इतने पर भी नहीं थमा और कुर्की नीलामी के बाद घर भी गिरा दिया गया। जीवन आश्रय के लिए घास फूस की मड़ई निर्मित की गयी ।
इन्ही स्मृतियों को सँजोने के लिए विजय शंकर चतुर्वेदी ने वर्ष 2009 में एक गौरव वाटिका का निर्माण कर सेनानियों की प्रतिमाएं स्थापित कराईं, वाटिका को दुर्लभ पेड़ों की वजह से भी जाना जाता है।