जनदबाब में काले कृषि कानूनों की हुई वापसी की घोषणा – आइपीएफ


धरना उनतीसवें दिन भी रासपहरी में जारी

म्योरपुर/पंकज सिंह

भारी जनदबाब में प्रधानमंत्री मोदी को तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी है। यह जनांदोलन की जीत है इसने एक बार फिर जनता की सम्प्रभुता को देश में स्थापित किया है। अब सरकार को आंदोलन की अन्य मांग एमएसपी पर कानून बनाने, लखीमपुर नरसंहार के दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, विद्युत संशोधन अधिनियम 2021 की वापसी, पराली जलाने सम्बंधी कानून को रद्द करने और आंदोलन के दौरान लगाए सभी मुकदमों की वापसी जैसी मांगों पर किसानों के साथ वार्ता कर उन्हें हल करना चाहिए। यह प्रस्ताव आज रासपहरी में आइपीएफ के अनिश्चितकालीन धरने के उनतीसवें दिन लिया गया। धरने में मकरा गांव में प्रदूषित पानी से हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा गया कि एक तरफ हम आजादी के पच्चहतर साल पूरा होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है वहीं आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पेयजल तक उपलब्ध नहीं है। जहरीले पानी को पीकर हर वर्ष सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है और सैकड़ों लोग विकलांग हो जाते है। हालत इतनी बुरी है कि कई गांवों में तो जाने के लिए मार्ग तक नहीं है जिसके कारण वहां हैण्ड़पम्प तक नहीं लग पा रहा है। धरने में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, ज्ञानदास गोंड़, जगमोहन गोंड़, ननकूराम गोंड़, बुद्धदेव सिंह गोंड़, रामशरण गोंड़, नंदलाल गोंड़, देवन्ती देवी, चरन सिंह गोड़, धनपत गोंड़ आदि लोग मौजूद रहे।

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