एससी/एसटी एक्ट: चार दोषियों को 5-5 वर्ष की कैद

  • 15 -15 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • 20 वर्ष पूर्व दलित महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार का मामला

सोनभद्र। बीस वर्ष पूर्व घोरावल थाना क्षेत्र के सिद्धि गांव की दलित महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, सोनभद्र खलीकुज्ज्मा की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों बिहारी कुशवाहा, बिंदु उर्फ अरविंद कुमार, मुन्ना व बचाऊ को पांच-पांच वर्ष की कैद एवं 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के सिद्धि गांव की दलित महिला शिव कुमारी ने 27 मार्च 2001 को एसपी सोनभद्र को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि 23 मार्च 2001 को शाम 8 बजे बच्चों के कंकड़ फेंकने के विवाद को लेकर घोरावल थाना क्षेत्र के सिद्धि गांव निवासी बिहारी कुशवाहा, बिंदु उर्फ अरविंद कुमार, मुन्ना व बचाऊ एक राय होकर दरवाजे पर चढ़ आए और जाति सूचक शब्दों से गाली देकर अपमानित किया। मना करने पर बेरहमी से पिटाई भी की। शोरगुल की आवाज सुनकर लोगों के आने पर जान से मारने की भी धमकी देते हुए चले गए। उसके बाद अपने पति के साथ घोरावल सीएचसी में जाकर अपना दवा-,इलाज एवं डॉक्टरी मुआयना करवाया। दूसरे दिन छुट्टी मिलने पर घोरावल थाने पर जाकर मौखिक सूचना दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब एसपी सोनभद्र को शिकायती पत्र दिया। एसपी के आदेश पर घोरावल थाने में मारपीट एवं एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज की गई। विवेचक ने मामले की विवेचना किया तो पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर बिहारी कुशवाहा, बिंदु उर्फ अरविंद कुमार, मुन्ना एवं बचाऊ को 5-5 वर्ष की कैद एवं 15 – 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता सी. शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की।

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