राजेश पाठक की विशेष रिपोर्ट
- एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- दो वर्ष पूर्व नाबालिग छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं गर्भवती होने का मामला
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी
- अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को नियमानुसार मिलेगी
सोनभद्र। दो वर्ष पूर्व नाबालिग छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म एवं गर्भवती होने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी दीपक भारती को उम्रकैद एवं एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि नियमानुसार पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एक गांव की पीड़िता की माँ ने एक अक्तूबर 2019 को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 15 वर्षीय कक्षा 8 की नाबालिग बेटी के साथ 6-7 माह से जान मारने की धमकी देकर शक्तिनगर थाना क्षेत्र के तारापुर परसवार राजा निवासी दीपक भारती जबरन दुष्कर्म करता रहा है। जिसकी वजह से उसकी बेटी गर्भवती हो गई है। इस तहरीर पर पुलिस ने दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट के तहत दीपक भारती के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दीपक भारती को उम्रकैद एवं एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि नियमानुसार पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी एडवोकेट ने बहस की।