लेखिका पद्मिनी श्वेता सिंह को मिला ‘नज़ीर अकबराबादी पुरस्कार

विंध्याचल मंडल के साहित्यकार हुए हर्षित, दी बधाई

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानन्द प्रसाद गुप्त की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, बैठक में 2020 में प्रकाशित पुस्तकों के लिए विभिन्न विधाओं में नामित एवं सर्जना पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है। जनपद सोनभद्र की युवा लेखिका पद्मिनी श्वेता सिंह की पुस्तक ‘नदीश्वरी गंगा’ को ‘राष्ट्रीय एकता एवं भावनात्मक समन्वय सम्बन्धी साहित्य’ के अन्तर्गत ‘नज़ीर अकबराबादी पुरस्कार’ के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार अति शीघ्र उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित होगा, जहाँ मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ चालीस सहस्र नकद धनराशि, सम्मान-पत्र एवं अंगवस्त्र भेंट कर लेखिका को सम्मानित करेंगे। बताते चलें कि पिछले वर्ष ‘देवगढ़ की सांस्कृतिक विरासत’ के लिए लेखिका को 75 हज़ार रुपये का ‘महादेवी वर्मा नामित पुरस्कार’ मिल चुका है। पद्मिनी श्वेता सिंह उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पुरस्कृत विन्ध्याचल मण्डल की प्रथम लेखिका हैं। ज्ञातव्य हो कि पद्मिनी श्वेता सिंह का जन्म 7 जून, 1985 को उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जनपद में हुआ। कीर्तिशेष पिता प्राचार्य बाबू दिनेश प्रताप सिंह के संरक्षण एवं माता विभा सिंह के वात्सल्य की छाया में पद्मिनी श्वेता सिंह का लालन-पालन हुआ। अंग्रेज़ी एवं हिन्दी भाषा-साहित्य में दोहरी स्नातकोत्तर उपाधि एवं बी.एड्. की शिक्षा ग्रहण करनेवाली पद्मिनी श्वेता सिंह कुशल गृहिणी के साथ साथ कुशल लेखिका भी हैं। उनका विवाह सोनभद्र जनपद के देवगढ़ गाँव में कवि-आलोचक एवं इतिहासकार डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह ‘संजय’ से 21 अप्रैल, 2007 में हुआ। श्वेता सिंह हिन्दी के साथ साथ अंग्रेज़ी में भी कविताएँ लिखती हैं। उनकी अंग्रेज़ी कविताएँ 2007 में प्रकाशित हुई हैं। उन्होंने छोटे बच्चों के लिए 2008 में ‘विज्ञान-वैभव’ (भाग 1-3) और ‘विज्ञान-मुक्ता’ (भाग 1-3) नामक पुस्तकें लिखी हैं। यह पुस्तकें उत्तर प्रदेश के निजी विद्यालयों में पढ़ायी जाती हैं। श्वेता सिंह ने समय-समय पर अनेक शोधपत्रों का लेखन किया है। जिनका प्रकाशन भारत के स्तरीय रिसर्च जर्नल्स में हुआ है। श्वेता सिंह को अब तक सौरभ साहित्य संस्थान झाँसी से ‘महाकवि ईसुरी सम्मान – 2010’, विकास संस्कृति साहित्य संस्थान, बिलासपुर से ‘संस्कृति-रत्न सम्मान – 2011’, गीतम् रचना संस्कृति विचार मंच, सतना से ‘शारदा सम्मान – 2012’, शांकरी आश्रम, मिर्ज़ापुर से ‘विदुषी-रत्न सम्मान–2013’, श्रीरामकेश सिंह इण्टरमीडिएट कॉलेज, पुरना, सोनभद्र से ‘निराला सम्मान – 2014’, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के कर-कमलों से आशीष सेवा यज्ञ न्यास लखनऊ का ‘शब्दार्थ गौरव सम्मान – 2017’ एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ से ‘महादेवी वर्मा नामित पुरस्कार – 2019’ प्राप्त हो चुके हैं। पद्मिनी श्वेता सिंह की पुस्तक ‘नदीश्वरी गंगा’ को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के द्वारा पुरस्कार हेतु चयनित किये जाने की सूचना मिलने पर सोनभद्र और मिर्ज़ापुर के साहित्यकारों ने हर्ष प्रकट किया है। पूर्व कैबिनेट मन्त्री डॉ. सरजीत सिंह डंग, विन्ध्याचल मण्डल के आयुक्त योगेश्वरराम मिश्र, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उत्तर के निदेशक शिशिर जी, कविराज पण्डित रमाशंकर पाण्डेय ‘विकल’, डॉ. परमेश्वरदयाल श्रीवास्तव ‘पुष्कर’, गणेश गम्भीर, शुभम् श्रीवास्तव ‘ओम’, करुणाकर पाठक ‘करुण’, डॉ. लालजी सिंह बिसेन, सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी एवं संयोजक राकेश शरण मिश्र, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ‘संजय’, प्रमोद कुमार शर्मा ‘अनुज’, डॉ. प्रबोधकुमार सिंह आदि ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए लेखिका को बधाई दी है।

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