हत्यारे मामा को उम्रकैद की सजा

एक लाख रुपये हासिल करने के लिए प्रिया की धारदार हथियार से गला काटकर दिलीप ने की थी नृशंस हत्या

सोनभद्र-

अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने प्रिया हत्याकांड के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी मामा दिलीप कुमार पटेल को उम्रकैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक मिर्जापुर जिले के अदलहाट थानांतर्गत प्रतापपुर निवासी अभय सिंह ने करमा थाने में 23 अक्तूबर 2015 को दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी शादी वर्ष 2009 में करमा थाना क्षेत्र के महुअरिया गांव निवासी रामदुलारे पटेल की बेटी अनिता के साथ हुई थी। उसे एक 5 वर्ष की बेटी प्रिया थी। तभी दो वर्ष पूर्व उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई और दूसरे के साथ रहने लगी। उसकी बेटी प्रिया अपने ननिहाल में नाना-नानी के साथ रहने लगी। कई बार अपनी ससुराल जाकर बेटी प्रिया को अपने साथ ले जाने के लिए गया, लेकिन ससुर रामदुलारे पटेल बेटी को नहीं आने दिए सिर्फ यहीं कहते थे कि जब 5 वर्ष की हो जाएगी तभी भेजेंगे। जब बेटी पैदा हुई थी तो उसे 20 हजार रुपये का चेक सरकारी सहायता के रूप में मिला था जो 18 वर्ष बेटी के होने पर एक लाख रुपये मिलता। यह जानकारी ससुर रामदुलारे को बखूबी थी तथा वे बड़े लालची किस्म के हैं। यह रुपया संरक्षक को मिलता इसलिए 23 अक्तूबर 2015 को सुबह 7 बजे बेटी प्रिया की किसी धारदार हथियार से गला काटकर नृशंस हत्या कर दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने नाना रामदुलारे पटेल के विरुद्ध हत्या की एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचना के दौरान हत्या करने वाला मामा दिलीप कुमार पटेल का नाम प्रकाश में आया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने दिलीप के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी दिलीप कुमार पटेल को उम्रकैद एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी विजय यादव ने बहस की।

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