उत्तर प्रदेश राज्य विधुत परिषद अभियन्ता संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तर प्रदेश राज्य विधुत परिषद अभियन्ता संघ ने

पावर कारपोरेशन प्रबन्धन की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में एवं ज्वलन्त समस्याओं के समाधान हेतु बिजली इंजीनियर 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे : किसी भी अभियन्ता का उत्पीड़न होने पर सीधी कार्यवाही की चेतावनी ।
उ0प्र0रा0वि0प0 अभियन्ता संघ ने ज्वलन्त समस्याआें के समाधान न होने एवं पावर कारपोरेशन प्रबन्धन के द्वारा जारी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने का ऐलान किया है। सभी ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन को प्रेषित नोटिस में 04 अक्टूबर से आन्दोलन प्रारम्भ होने की सूचना दी है व समस्याओं का समाधान न होने पर 26 अक्टूबर से सभी ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया जायेगा।
अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने बताया कि 04 एवं 05 अक्टूबर को सभी ऊर्जा निगमों के तमाम अभियन्ता काली पट्टी बांध कर विरोध दिवस मनायेगें। 6, 7 व 8 अक्टूबर को सायं 04 बजे से 05 बजे तक 01 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 11 एवं 12 अक्टूबर को सायं 03 बजे से 05 बजे तक 02 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा तथा 18 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक अपरान्ह 02 बजे से सायं 05 बजे तक 03 घण्टे का कार्य बहिष्कार किया जायेगा। 18 अक्टूबर से ही सभी ऊर्जा निगमों के अभियन्ता नियमानुसार कार्य आन्दोलन प्रारम्भ कर देगें जिसके अन्तर्गत सायं 05 बजे से अगले दिन प्रातः 10 बजे तक कोई कार्य नहीं करेंगे, साथ ही विद्युत अभियन्ता कार्य के समय में भी केवल अपने लिए ही निर्धारित कार्य करेंगे, अन्य कोई कार्य नहीं करेंगे। 26 अक्टूबर से सभी अभियन्ता अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर देगें।
अभियन्ता संघ की प्रमुख मांगे :- सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि0 का पुनर्गठन किया जाये, 06 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट उप समिति के साथ हुए समझौते के तहत वाराणसी व अन्य स्थानों पर आन्दोलन के कारण दर्ज एफ0आई0आर0 वापस ली जाये, वर्ष 2000 के बाद नियुक्त सभी अभियन्ताओं के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाये, निदेशक के पदों पर आयु सीमा 60 वर्ष की जाये, ग्रेटर नोएडा के निजीकरण व आगरा के फ्रेंचाइजीकरण रद्द किये जायें, उत्पीड़न की दृष्टि से पदोन्नति के नियमों में किये गये प्रतिगामी परिवर्तन वापस लिये जायें, सभी संसूचित अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल की सुविधा दी जाये, अभियन्ताओं की सभी वेतन विसंगति दूर की जाये, उत्पादन निगम में 2008 ई0एण्डएम0 बैच व 2011 सिविल बैच की पदोन्नतियां सुनिश्चित की जायें तथा पावर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जायें।
प्रबन्धन को प्रेषित नोटिस में अभियन्ता संघ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी अभियन्ता का आन्दोलन के कारण उत्पीड़न किया गया तो बिना कोई नोटिस दिये सभी ऊर्जा निगमां के अभियन्ता सीधी कार्यवाही प्रारम्भ कर देगें जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबन्धन की होगी।

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