गोष्ठी में हिंदी की महत्ता पर हुई चर्चा

सोनभद्र(राजेश पाठक) हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को राबर्ट्सगंज कचहरी परिसर में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन भवन के हाल में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने मातृ भाषा एवं राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति विस्तृत चर्चा की। साथ ही बगैर किसी अन्य भाषा के साथ छेड़छाड़ किए अधिक से अधिक कार्य हिंदी में करने का संकल्प दिलाया।
मुख्य अतिथि प्रभारी जनपद न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि हमें बगैर किसी भाषा के साथ भेदभाव किए बगैर हिंदी के प्रति कार्य करने की जरूरत है। अगर हिंदी के प्रति ज्यादा से ज्यादा कार्य किया जाएगा तो अपने आप हिंदी भाषा का विस्तार होगा और अधिक से अधिक लोग हिंदी बोलने का कार्य करने लगेंगे। विशिष्ट अतिथि एसडीएम सदर केएस पांडेय ने हिंदी की वर्तमान स्थिति पर व्यंग्यात्मक कविता सुनाया, जिसे सभी लोगों ने सराहा। एडीजे राहुल मिश्रा ने हिंदी के प्रति विस्तार से चर्चा करते हुए सभी लोगों से ज्यादा से ज्यादा काम हिंदी में करने का आह्वान किया। एडीजे सत्यजीत पाठक ने स्वरचित कविता पाठ किया, जिसे लोगों ने सराहा। जेएम अरुण कुमार पांडेय ने भी हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ अधिवक्ता रामचंद्र मिश्र ने सबसे पहले हिंदी के प्रति विस्तार से चर्चा किया। डीबीए अध्यक्ष सुधाकर मिश्रा एडवोकेट ने कहा कि आज भी हाईकोर्ट में ज्यादातर कार्य अंग्रेजी में होता है, जबकि वादकारियों को भी समझ में आए इसके लिए हिंदी में कार्य करने की जरुरत है। तभी सही मायने में हिंदी दिवस मनाया जाना सफल होगा। इसके पहले मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य न्यायिक अधिकारी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दिप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डीबीए के पूर्व अध्यक्ष दयाराम यादव एडवोकेट ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत किया। अंत में पांच अधिवक्ताओं रामचंद्र मिश्र, अतुल पटेल, धनन्जय मौर्य, चन्द्र प्रकाश सिंह, प्रदीप कुमार सिंह को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।अध्यक्षता डीबीए अध्यक्ष सुधाकर मिश्र एडवोकेट एवं संचालन महामंत्री अतुल प्रताप पटेल एडवोकेट ने किया।
उक्त अवसर पर एडीजे खलिकुज्ज्मा, एडीजे अशोक कुमार, एडीजे निहारिका चौहान, अन्य न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे। वहीं अधिवक्ता जगजीवन सिंह, राजबहादुर सिंह, प्रेम प्रताप विश्वकर्मा, जवाहर लाल मिश्रा, राम भरोसे सिंह, पंकज पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।

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