दुद्धी- सोनभद्र(समर जायसवाल)- ब्लॉक क्षेत्र के बीडर सब सेन्टर के अंतर्गत एक कलन री वर्कशॉप का आयोजन पीरामल स्वास्थ्य नीति आयोग के ब्लॉक परिवर्तन अधिकारी नन्दलाल एवं बीसीपीएम सुनीता देवी के निर्देशन में पोषण माह के अंतर्गत किया गया। इस कार्यक्रम में समुदाय के गर्भवती धात्री किशोरी महिलाओ को सहजन के पत्ते का साग बनाकर सभी को खिलाया गया। सहजन के पत्ते के साग के फायदे के बारे में पीरामल स्वास्थ्य नीति आयोग के नन्दलाल द्वारा विस्तार पूर्वक बताया, उन्होंने बताया कि सहजन के पेड़ के भी स्वास्थ्य के लिए कई फायदे हैं। इनमें प्रोटीन,अमीनो एसिड, बीटा कैरटीन और विभिन्न फीनॉलिक होते हैं, इन पत्तियों को ताजा या पाउडर के रूप में भोजन के पूरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है। सहजन के पौधे में जड़ से लेकर सहजन के फूल, पत्तियों तक सेहत के गुण भरे हुए हैं। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना के सुपरवाइजर चन्द्रावती देवी ने पोषण माह के अंतर्गत महिलाओं संवेदित किया। इसी के साथ सब सेन्टर बीडर में करीब 25 गर्भवती धात्री व किशोरी उपस्थित रही इस दौरान सब सेन्टर बीडर के समस्त आशा , आगनवाड़ी, एवं सहायिका उपस्थित रही।
सहजन के फायदे
:हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे:हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सहजन की पत्तियों का रस निकालकर काढ़ा बनाकर देने से लाभ मिलता है। साथ ही इसका काढ़ा पीने से घबराहट, चक्कर आना, उल्टी में भी राहत मिलती है।
कैल्शियम की प्रचुरता:सहजन की फली में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, जो बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत बनते हैं। इसे गर्भवती महिलाओं को देने से उनके होने वाले बच्चों में कैल्शियम की मात्रा भरपूर मिलती है और होने वाला शिशु तंदुरस्त होता है।
मोटापा कम करे:
मोटापा और शरीर की बढ़ी हुई चर्बी को दूर करने के लिए सहजन को एक लाभदायक औषधि माना गया है। इसमें फॉस्फोरस की मात्रा पायी जाती है जोकि शरीर की अतिरिक्त कैलोरी को कम करती है और साथ ही वसा को कम कर मोटापा कम करने में सहायक होती है।
सिरदर्द दूर करे:
सहजन के पत्तों का पेस्ट घाव पर लगाया जाता है और इसे सब्जी के रूप में खाने से सिर दर्द में राहत मिलती है। साथ ही सहजन के सेवन से खून साफ होता है, आंखों की रोशनी तेज होती है। सहजन की फली का सेवन करने से गर्भवतियों को डिलिवरी के वक्त ज्यादा दर्द नहीं होता है।