आजादी के बाद से आज भी उपेक्षित है दलीत बस्ती अवई

सम्पर्क मार्ग के अभाव में बरसात के दिनों बीमार व्यक्तियों को खाट से लाते हैं रोड पर।गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)- सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यालय महज 15 किमी मुख्य राज मार्ग महज कुछ दुरी पर स्थित राजस्व गांव दलित बस्ती अवई आजादी के बाद भी तमाम विकास योजनाओं के साथ आज भी सम्पर्क मार्ग से बंचित है। बरसात के मौसम में तो आमलोगों का पैदल भी चलना मुश्किल हो गया है।बताते चलें कि राजस्व गांव अवई एक तरफ मुख्य सोनपम्प नहर दुसरी तरफ रेलवे लाइन के बीच होने के साथ दोनों तरफ से मुख्य सम्पर्क मार्ग 1किमी के दुरी पर होगी। लेकिन आजादी के बाद से तमाम पंचवर्षीय योजनाएं बीत गए लेकिन आज तक कोई भी जनप्रतिनिधियों ने भी इस सम्पर्क मार्ग बनवाने की सुधि नहीं ली।जब कि बरसात के दिनों में इस बस्ती के लोगबीमारी या डिलेवरी स्थितियों में खाट पर डांग कर सड़क पर लाकर इलाज हेतु ले जाना पड़ता है। इस सम्बन्ध में सुभाष रमेश रघुनाथ विजय पाल अनिल पाण्डेय अरुण पांडेय मुराहु रजनीश इत्यादि लोगों ने बताया कि इस मौसम जगह जगह जल जमाव बहते हुए नालियों के पानी कीचड़ से गुजरते हुए रेलवे लाइन पकड़ कर आम बस्ती लोगों के साथ छोटे छोटे स्कुली बच्चे महिला पुरुषों को सफर तय करना पड़ता है। जब कि इस सम्बन्ध में बस्ती के लोगों ने सैकड़ों बार सम्बन्थित विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया होगा लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई उक्त सम्बन्ध में जिलाधिकारी का ध्यान अपेक्षित है।

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