सियासी व्यक्तित्व
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— तीन बार विधायक रहने के बाद भी नहीं छूट रही बाइक की सवारी
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भोलानाथ मिश्र
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सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- एक बार विधायक कोई बन जा रहा है तो रहन सहन घर मकान सब हाई- फाई तो हो ही जा रहा है ,साथ ही मिजाज भी रसूख दारों के मिज़ाज़ से मेल खाने लगता है। शबीना अदीब की गजल की कुछ लाइनें इसी ओर इशारा भी करती हैं ।
‘ जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा
के आ के बैठे हो पहली सफ़ में
अभी उछलने लगे हवा में ,
अभी तो शोहरत नई- नई है ‘।
हम एक ऐसे राजनीतिक व्यक्तित्व की चर्चा कर रहे है जो सन 1989 , 1991 और 1993 में लगातार तीन बार रॉबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद भी रहन-सहन, कथनी-करनी में जैसे पहले थे वैसे ही विधायकी के दौरान भी थे। 51 प्रतिशत मत पाकर अब तक कीर्तिमान बरकरार रखने वाले घोरावल ब्लॉक के गुरेठ गांव के साधारण परिवार के तीरथराज अपनी असाधारण सादगी के कारण अपने विधायकी के कार्यकाल में ही सुर्खियों में रहा करते थे। अपनी राजदूत मोटर साइकिल से चुनाव प्रचार कर जीत की हैट्रिक लगाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्कारित राजनेता तीरथराज कभी भी अपने को आम आदमी से अलग नही होने दिए। अविभाजित मिर्जापुर जिले के बीजेपी के महामंत्री रहे पूर्व विधायक तीरथ राज के सामाजिक जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में हुई थी ।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान गाँव- गाँव शिलापूजन कराकर जन जागरण करने में अग्रणी रहे संघ परिवार के इस देव दुर्लभ कार्यकर्ता की राजनीतिक सोच मुख- पोथी (फेसबुक) पर जब जब प्रकाशित होती है , तब तब राजनीतिक पण्डित , वरिष्ठ राजनीतिक पत्रकार पोस्ट के विषय , ढंग , परिमार्जित कूटनीतिक भाषा को पढ़कर तीरथराज की राष्ट्रीय स्तर की
सोच को देख देख कर भौचक होते रहते हैं। राष्ट्रवादी सोच के पूर्व विधायक बहुमुखी प्रतिभा के धनी सामाजिक सरोकारों से बाबस्ता रहते हैं जिसके कारण साहित्यकारों , पत्रकारों और राजनीतिक दलों के नेताओं में मित्र के रूप में देखे जाते है। लोक संगीत के प्रति रुचि रखने वाले बैसवार परिवार में जन्मे पूर्व विधायक की राजनीतिक , सामाजिक सक्रियता आज भी
एक तरुण की तरह दिखाई पड़ती है । हँसमुख स्वभव और मजाकिया लहजे में बोलने वाले मिलनसार तीरथराज की बीजेपी में जिले में आज भी एक विधायक से अधिक हनक दार नेता माने जाते हैं। राज्यसभा सदस्य रामसकल हों या सदर विधायक भूपेश चौबे या फिर जिला अध्यक्ष अजीत चौबे सभी वरिष्ठ कद्दावर नेता तीरथराज की इज्जत करते हैं। धोती, कुर्ता, सदरी पहनने के आदि तीरथराज मोटरसाइकिल से ही भ्रमण करते हैं। यह कहना कतई अनुपयुक्त ना होगा की आज के जनप्रतिनिधियों को तीरथराज से सादगी की संस्कृति सीखनी चाहिए ।