पैसे के अभाव में रास्ते पर घंटों पड़ा रहा मजदूर का शव, लोगों ने चंदे से किया दाह संस्कार

खेखड़ा गांव निवासी मजदूर अनिल कुमार की गुरूवार को हो गई थी मौत

नया राशन कार्ड बनाने के नाम पर कोटेदार ने अपने पास रखा है पुराना राशन कार्ड

सोनभद्र- रॉबर्ट्सगंज थाना क्षेत्र के खेखड़ा गांव में पैसे के अभाव में एक मजदूर का शव रास्ते में घंटों पड़ा रहा लेकिन सूचना देने के बाद भी जिला प्रशासन का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। बाद में लोगों ने चंदा इकट्ठा कर मजदूर के शव का दाह संस्कार किया। जिसमें चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि उष्मान अली ने भी आगे बढ़कर सहयोग किया। रॉबर्ट्सगंज

विकास खंड के ग्राम पंचायत मंगुराही के खेखड़ा गांव निवासी अनिल कुमार की तबीयत बृहस्पतिवार को भोर में अचानक खराब हो गई। परिजनों ने उन्हें लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया।जहां दोपहर बाद करीब एक बजे उनकी मौत हो गई। परिजन उनके शव को लेकर गांव आ गए लेकिन पैसे के अभाव में उनका दाह संस्कार नहीं कर सके। शव रास्ते में घंटों पड़ा रहा। शव के पास उनकी पत्नी और बच्चे रोते रहे। धीरे-धीरे इसकी सूचना ग्राम पंचायत बहुअरा के ग्रामीणों को हुई। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को दिया गया। लेकिन कहीं से कोई सहयोग प्राप्त नहीं हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने अनिल कुमार के शव का दाह संस्कार करने के लिए चंदा इकट्ठा किया जिसमें कुछ मुसलमानों ने भी बढ़कर सहयोग किया। इस तरह ग्रामीणों ने करीब 6500 रुपये इकट्ठा किए। मौके पर मौजूद मंगुराही के ग्राम प्रधान रमेश यादव उर्फ हड़बड़ी प्रधान ने चंदे के रूप में केवल 500 रुपये की मदद की। सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी चोपन नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि उस्मान अली को हुई तो उन्होंने पत्रकार विकास द्विवेदी के माध्यम से 5000 पांच हजार रुपये की धनराशि भेजवाया। जो मृतक अनिल कुमार के बेटे को दी गई। हिन्दुवारी स्थित श्मशान घाट पर मृतक अनिल कुमार का दाह संस्कार किया। दाह संस्कार के बाद ग्रामीणों ने बची हुई धनराशि उनकी पत्नी चंद्रावती को दी।

दो महीने से नहीं मिला है राशन

मृतक अनिल कुमार बियार समुदाय से हैं और मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का खर्च चलाते थे। उनकी पत्नी चंद्रावती ने बताया कि वे पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे पूरी कमाई दवा में ही खर्च हो जाती थी इलाज के लिए डेढ़ बिस्वा जमीन भी बेचनी पड़ी थी। बृहस्पतिवार की भोर में अचानक उनकी सांसें फूलने लगी हम लोगों ने उन्हें लोढ़ी स्थित जिला चिकिस्तालय में भर्ती कराया जहां दोपहर बाद एक बजे उनकी मौत हो गई। मृतक अनिल कुमार के परिवार में उनकी पत्नी चंद्रावती के अलावा उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी रेखा कुमारी 12 साल की है और कक्षा छह में पढ़ती है। इसके बाद 11 साल का उनका बेटा प्रिंस है जो कक्षा 5 का छात्र है। छोटी बेटी काजल और निशु क्रमशः कक्षा 4 और कक्षा 3 में पढ़ती हैं। परिवार के पास केवल पांच बिस्वा के करीब जमीन बची है जिसमें एक कच्चा मकान बना है और पूरा परिवार उसी में रहता है।

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