सोनभद्र। कोरोना महामारी के विनाश के लिए मंगलवार को पूरे काशी प्रांत में एक साथ सभी घरो मे हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि की ओर से यह आह्वान किया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोनभद्र के जिला संघ चालक हर्ष अग्रवाल ने बताया कि 18 मई मंगलवार को प्रातः 8:30 बजे से यह पाठ प्रारंभ हो जाएगा ।देश के प्रमुख संतों का मत है कि हनुमान जी के स्मरण एवं हनुमान चालीसा के पाठ से इस रोग का विनाश संभव है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना जिसमें अनेक व्यक्तियों ने प्रियजनों को खो दिया है। जिसने मानवता पर सैकड़ों वर्षों बाद सबसे अधिक कहर ढाया हुआ है।ऐसी विपत्ति काल में मनुष्य अपने आराध्य को स्मरण करता है। काशी प्रान्त, द्वारा विश्व के सबसे बड़े सामूहिक अनुष्ठान श्री हनुमान चालीसा के सवा पांच लाख पाठ का संकल्प लिया गया है। इस अनुष्ठान हेतु देश भर के सन्त- महात्माओं, उद्यमी,सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोगों से आह्वान किया है कि इस महामारी से मानव समाज की रक्षा के लिए हम सभी को यह पाठ कर संकट मोचक श्री हनुमान जी महाराज जी से प्रार्थना करना चाहिए। विभाग कुटुंब प्रबोधन प्रमुख कथा वाचक दिलीप कृष्ण भारद्वाज, पूज्य संत भिखारी बाबा आदि ने इस पुनीत कार्य हेतु सभी धर्मावलंबियों, अनेक पीठाधीश्वरों, मनीषियों, आचार्यों, समाजसेवी संस्थाओं तथा गणमान्य लोगों ने समर्थन एवं आशीर्वाद प्रदान किया है।
जगतगुरु शंकराचार्य, स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं बाघंबरी मठ के महंत श्री नरेंद्र गिरी जी,पूज्य सन्त जितेन्द्रानन्द जी,पूज्य श्री कैवल्य दास जी,पूज्य सन्त ब्रज चैतन्य जी महाराज जी, निरंजनी अखाड़ा तेलंगाना, गायत्री परम संत सिद्धेश्ररानंद महराज, जगतगुरु स्वामी रामकमल दास वेदांती जी, स्वामी शंकरानन्द महाराज गुंटूर, सभी गणमान्य लोगों ने इस अनुष्ठान में भाग लेने का आह्वान किया है तथा कहा है कि श्री हनुमान जी इस सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता हैं, सभी प्रकार के दु:ख, विपत्ति व महामारीयो के मोचक हैं,इसीलिए उन्हें संकट मोचन भी कहा जाता है। उनके सामूहिक आराधना से निश्चित ही इस भीषण आपदा से मुक्ति मिलेगी, ये जनमानस में विश्वास है।
*इस प्रकार किया जाएगा अनुष्ठान*
विश्व के सबसे बड़े इस अनुष्ठान सम्मिलित होने वाले लोगों को पांच बार “श्रीराम जय राम जय जय राम” महामंत्र का जाप कर 11 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना है इसके पश्चात् पुनः पांच बार “श्रीराम जय राम जय जय राम” का जप कर यह अनुष्ठान पूर्ण करना है।