जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से पूजा करते समय कमर और गर्दन सीधी क्यो रखनी चाहिए ? गीले सिर पूजा क्यो नहीं करनी चाहिए ?

धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से पूजा करते समय कमर और गर्दन सीधी क्यो रखनी चाहिए ? गीले सिर पूजा क्यो नहीं करनी चाहिए ?



जब हम पूजा करते है तो कमर और गर्दन को सीदा रखने को कहा जाता है । ऐसा क्यो कहा जाता है ? इसका मुख्य कारण है कि जब हम पूजा करते है तो ध्यान अंतिरक्ष मे जाता है । और ध्यान को ऊपर ले जाने मे सुषुम्णा नाड़ी का बहुत बड़ा योगदान होता है । यह नाड़ी रीड की हड्डी मे से होकर ब्रह्मरंध्र चक्र से जुड़ी होती है ।

अगर कमर और गर्दन झुक जाएंगी तो नाड़ी भी झुक जाएगी । अगर नाड़ी झुक जाएगी तो ब्रह्मरंध्र की नाड़ियाँ धुलोक से संपर्क बनाने मे असमर्थ हो जाती है । क्योकि तरंगो की दिशा नीचे की ओर हो जाती है । और जो ध्यान की तरंगे ऊपर को जानी चाहिए । वो नीचे को जाना शुरू कर देती है । ध्यान हमेशा ऊपर को सोचने से ही लगता है । इसलिए हवन यज्ञ ध्यान और पूज पाठ मे हमेशा कमर और गर्दन को सीदा रखना चाहिए ।

अगर आप जल्दी वाजी मे गीले सिर पूजा करते हो तो बहुत हानिकारक होता है । तथा जमीन पर बिना कुचालक आसन के बैठ जाते हो तो भी बहुत हानिकारक होता है । जब आप पूजा करते हो तो उस समय आपके शरीर से विधुत तरंगे निकलती है । और आपका सिर गीला होता है तो वो विधुत तरंगे गीले सिर के वालो मे ही विलय कर जाती है । जिसके कारण ध्यान क्रिया तो वाधित होती ही है इसके साथ साथ सिर मे भयंकर बीमारियो का जन्म हो जाता है ।

इसी प्रकार जब आप खाली जमीन पर बैठते हो तरंगे मूलाधार चक्र से भी गुदा के द्वार से बाहर निकलती है तथा वो प्रथवि के चुम्बकीय क्षेत्र मे संपर्क बना लेती है । जिसके कारण वो तरंगे जमीन मे चली जाती है । जो शरीर की पॉज़िटिव ऊर्जा को खीच लेती है । जो ध्यान से उत्पन्न होती है । क्योकि पृथ्वी सुचालक का काम करती है । इसलिए पूजा करते समय कुचालक आसन का प्रयोग करना चाहिए । जिससे उत्पन्न तरंगे सीदे ऊपर की ओर जाये तथा ध्यान और पूजा मे सहायक बन जाए।

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