बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
रात होते ही लग जाता है ओवर लोड गाड़ियों का रेला
उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ के सीमा शीशटोला से रात होते ही शुरू होता है। अवैध बालू का खनन व परिवहन ।
प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक ओ्वर लोड बालू लेकर गुजरती हैं ।गुजरने वाली गाडिय़ों के पास बालू का कोई भी वैध कागजात नहीं होते ।सभी काम समबन्धित अधिकारियों की सांठ-गांठ से चल रहा हैं ।वन विभाग तो जैसे आंख ही बन्द कर अवैध काम को मौन स्वीकृति दे दिया हैं ।पुलिस भी उन्हीं गाड़ियों को पकडती हैं ।जो उनके समपर्क मे नहीं होता ।बाकी का काम बालू कारोबार मे लगे उनके आदमी निभाते हैं ।लोकेशन देकर गाडिय़ों को बार्डर से सुरक्षित गांव के गलीयों वाले मार्ग से गाड़ी को निकाल देते हैं। आयेदिन गांव के लोगों से गाड़ी वालो की कहा सुनी होती रहती ।चूंकि बालू कारोबारी को आधिकारियों का सहयो प्राप्त रहता है ।इस कारण ग्रामीणों को ही दबना पडता हैं ।नतीजा ओवर लोड से गांव की सडक़ गढ्ढे मे तब्दील हो रही हैं। पिछले महीने में ग्रामीणों के विरोध पर उपजिलाधिकारी ने सख्ती बरतते हुए कार्रवाई किया जिससे कुछ दिनों के लिए बालू का
कारोबार बन्द हो गया था ।जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी ।लेकिन अब लगता हैं कि बालू माफियाओ ने फिर से सांठ-गांठ बना लिया । अब प्रशासन के द्वारा कोई रोक-टोक नहीं होता। छत्तीसगढ़ के भैंसामुंडा मोरन नदी से आने वाली बालू उत्तर प्रदेश के वाराणसी जौनपुर गाजीपुर समेत अन्य जनपदों के मंडियों में मोटे दामों में बेंच दी जाती हैं ।जिससे सरकार को भी भारी राज्स्व की क्षति हो रही हैं।। बालू माफियाओं के हौसले बुलंद होते दिखते हैं जो बिना प्रशासन के रोक-टोक के बेखौफ होकर चलते हैं जो क्षेत्र में दुर्घटनाओं का सबब बने होते हैं चौपता घाट से आने वाली बालू शीशटोला महुअरिया संपर्क मार्ग पर होकर आती है अथक प्रयासों के बाद लोगों की सड़क बन पाई थी जिसकी छमता केवल पिकअप मैजिक चलने के लिए होता है वहीं ओवरलोड ट्रकें पार होती हैं जिससे संपर्क मार्ग टूटने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।