पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
· *कुल 34 लाख 83 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया*
· *1000 मंडियों को डिजिटल प्रणाली से जोड़ा जाएगा*
वाराणसी:माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के नेतृत्व में एक फरवरी को जो केंद्रीय बजट पेश किया गया वह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘नए भारत’ के निर्माण की संकल्पना को नई दिशा प्रदान करेगा। वर्ष 2021-22 के लिए कुल 34लाख83हजारकरोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। इस बजट में युवाओं, महिलाओं, किसानों, शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रांसपोर्टेशन, कौशल सहित अनेक क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर भी विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2021-22 का बजट सर्वहितकारी है जिसका लाभ हर एक वर्ग को मिलेगा।सही अर्थों में देखा जाए तो यह‘आत्मनिर्भर भारत’ का बजट है। वाराणसी में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह बातें केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहीं।
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कृषि मंत्रालय को 1,31, 000हजारकरोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस वर्ष धान की फसल की एमएसपीपर भी खरीद लगभग दोगुनी हो गई है। इसका लाभ 1.5 करोड़ किसानों को मिला है। किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके इसके लिए मंडियों को डिजिटल व्यापार से जोड़ने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। 1000 मंडियों को डिजिटल प्रणाली से जोड़ा जाएगा ताकि किसान अपने उत्पादों को बेहतर मूल्यों पर बेच सके। पशुपालन, डेयरी और मछली पालने वाले किसानों को पहले की अपेक्षा अधिक लोन दिया जाएगा। इसके अलावा मत्स्य उद्योग और उससे जुड़े लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 5 नए बंदरगाह बनाने का निर्णय लिया गया है।इस निर्णय से नई नौकरियों का सृजन होगा जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा।
माननीय केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी नेआज वाराणसी में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘वर्ष 2021-22 का आम बजट नई सोच के साथ आगे बढ़ाने वाला बजट है। यह बजट देश के जन-जन के सर्वांगीण कल्याण के प्रति समर्पित आम बजट है जिसका लाभ हर एक वर्ग का मिलेगा। यह बजट असाधारण परिस्थितियों के बीच पेश किया गया है इसके बावजूद यह बजट भारत के युवाओं में एक नया आत्मविश्वास पैदा करेगा। डॉ. पाण्डेय ने यह भी कहा कि पिछले एक वर्ष में भारत हर एक क्षेत्र में आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है।
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. पाण्डेय ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती प्रदान करेगा और भारत की आर्थिक एवं सामाजिक गति को तेजी से आगे बढाएगा। यह बजट युवाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करेगा और मानव संसाधन को एक नया आयाम देगा। इसके साथ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करेगा और भारत को आधुनिकता की तरफ आगे बढाएगा। यह बजट उद्योगों और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में नए सुधार लाकर सकारात्मक बदलाव लाएगा। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि इस बजट से युवाओं, किसानों, महिलाओं, वंचित तबके और हर एक वर्ग को लाभ होगा।
इस बजट में शिक्षा मंत्रालय को 93 हजार करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं। लद्दाख में शिक्षा का विस्तार करने और लेह में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 15 हजार से अधिक स्कूलों को आदर्श बनाने का निर्णय लिया गया है और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए 750 एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ 100 नए सैनिक स्कूल भी खोले जाएंगे। इसके अलावा युवाओं को कुशल बनाने के लिए अप्रेंटिसशिप एक्ट में संशोधन किया जायेगा ताकि अप्रेंटिसशिप के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु अनेक कदम उठाए गए हैं। इस बजट में एक ऐसे इकोसिस्टम बनाने पर भी बल दिया गया है जिसका लाभ निकट भविष्य में युवाओं को मिलेगा।
स्वस्थ भारत की संकल्पना को साकार करने हेतु इस बार स्वास्थ्य मंत्रालय को 2,23,846 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस बार के स्वास्थ्य बजट में 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। आज हमारे देश में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन हैं। इसका उपयोग देश में हो रहा है और कई पड़ोसी देशों को फ्री में उपलब्ध करवाई जा रही है। दुनियाभर में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हमारे देश में चल रहा है।
रेलवे के विकास के लिए 1.10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ‘राष्ट्रीय रेल योजना 2030’ भी बनाई गई है ताकि रेलवे का तेज गति से विस्तार किया जा सके। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए परिवहन सुविधाओं में भी बड़े सुधारों की परिकल्पना की गई है। सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं को मजबूत करने के लिए 18 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश को दो ट्रेनों का तोहफा भी दिया गया है। इसमें से एक गोमती नगर (लखनऊ) से जयपुर के बीच सप्ताह में तीन दिन चलेगी। जिसका संचालन 5 फरवरी से शुरू होगा। वहीं, दूसरी ट्रेन कामाख्या से लखनऊ होते हुए उदयपुर रवाना होगी। इसका संचालन 8 फरवरी से शुरू होगा।
इसके अलावा असंगठित श्रम बल प्रवासी श्रमिकों को आगे बढ़ाने के लिए एक पोर्टल लॉन्च करने का निर्णय लिया गया है। इस पोर्टल से प्रवासी श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य, आवास, कौशल, बीमा, क्रेडिट और खाद्य योजनाओं तैयार करने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट के द्वारा आत्मनिर्भर भारत के विज़न को एक नई गति प्रदान की जा सकेगी।
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