जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सप्त मोक्ष पुरी…..

जीवन मंत्र । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सप्त मोक्ष पुरी…..

सप्त से तात्पर्य है सात-7 एवं पुरियों का अर्थ है नगर। मान्यतानुसार भारत में सात ऐसे स्थान हैं, जिन्हें मोक्षदायिनी सप्त पुरियां कहा जाता है। जिसे निम्न श्लोक द्वारा बताया गया है:

अयोध्या-मथुरामायाकाशीकांचीत्वन्तिका, पुरी द्वारावतीचैव सप्तैते मोक्षदायिकाः।

हिन्दू धर्म में मोक्ष पाने को बेहद महत्व दिया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार सात ऐसी पुरियों का निर्माण किया गया है, जहां इंसान को मुक्ति प्राप्त होती है। मोक्ष यानी कि मुक्ति, जो इंसान को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देती है। इन मोक्ष दायिनी पुरियों में शरीर त्यागना मनुष्य जीवन के लिए सभी मूल्यवान वस्तुओं से ऊपर है।

१. अयोध्या – Ayodhya @Uttar Pradesh
भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्रीराम का जन्म अयोध्या की पवित्र भूमि पर ही हुआ था। त्रेता युग से कलयुग तक अपनी पहचान बनाने वाले अयोध्या शहर को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है। इस पवित्र नगरी के पास सरयू नदी बहती है जहां श्रीराम ने अपना मानव रूप त्याग कर वैकुण्ठ लोक की ओर प्रस्थान किया था।

२. मथुरा – Mathura @Uttar Pradesh
वहीं दूसरी ओर भगवान कृष्ण के जन्म स्थान होने के कारण इस स्थान की पवित्रता और भी बढ़ जाती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार मथुरा को भगवान राम के सबसे छोटे भाई शत्रुघ्न द्वारा खोजा गया था। यह नगरी श्राद्ध कर्म के लिए विशेष है। दूर-दूर से लोग यहां अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए आते हैं। मथुरा नगरी के पास यमुना नदी बहती है।
वराह पुराण में कहा गया है कि इस नगरी में जो लोग शुद्ध विचार से निवास करते हैं, वे मनुष्य के रूप में साक्षात देवता हैं।

३. हरिद्वार – Haridwar @Uttarakhand
हरिद्वार दो शब्दों हरि + द्वार का मेल है। यहां हरि से तात्पर्य है भगवान विष्णु है। मां गंगा के किनारे बसा यह शहर दुनिया के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। इसे पौराणिक व्याख्या में ‘मायापुरी’ के नाम से भी पुकारा गया है। भगवान शिव के केशों से निकली गंगा नदी इस शहर की पवित्रता को और भी बढ़ाती है। वर्षों से लोग मोक्ष प्राप्ति के लिए हरिद्वार के दर्शन करने आते हैं।

४. काशी – Varanasi @Uttar Pradesh
इसे बनारस या वाराणसी भी कहा जाता है। इस नगरी को गंगा नदी के साथ अन्य दो नदियां वरुणा एवं असी नदी भी यहां मौजूद हैं। वरुण एवं असी नदी के मेल से ही इस नगर का नाम वाराणसी पड़ा। हिन्दू धर्म के चार वेदों में से एक वेद ऋग्वेद में काशी का वर्णन किया गया है, जिसके अनुसार काशी को शिव की नगरी कहा जाता है। यह नगरी भगवान शिव के सबसे प्रिय स्थानों में से एक मानी गई है।

५. कांची (कांचीपुरम) – Kanchipuram @Tamil Nadu
कांचीपुरम तीर्थपुरी दक्षिण की काशी मानी जाती है। कांचीपुरम या पौराणिक कथाओं के अनुसार कांची को सृष्टि के रचनाकार भगवान ब्रह्मा द्वारा निर्मित जाना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा ने देवी के दर्शन के लिए तप किया था।
इस शहर का भारतीय इतिहास में भी एक विशाल योगदान है। यहां सम्राट अशोक से लेकर मौर्य परिवार ने राज किया। इसके साथ ही भगवान बुद्ध के चरणों से भी पवित्र मानी जाती है कांची नगरी।

६. उज्जैन (अवंतिका) – Ujjain @Madhya Pradesh
उज्जैन का प्राचीनतम नाम अवन्तिका है जिसे अवन्ति नामक राजा के नाम पर रखा गया था। प्राचीन काल में उज्जयिनी महाराज विक्रमादित्य की राजधानी थी।
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में देशान्तर की शून्य रेखा उज्जयिनी से प्रारम्भ हुई मानी जाती है। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ हर 12 वर्ष पर सिंहस्थ कुंभ मेला लगता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक महाकाल इस नगरी में स्थित है।

७. द्वारिका – Dwarka @Gujarat
द्वारका नगरी को स्वयं भगवान कृष्ण द्वारा ही बनवाया गया था। इसका प्राचीन नाम कुशस्थली था। एक पौराणिक कथा के अनुसार महाराजा रैवतक के समुद्र में कुश बिछाकर यज्ञ करने के कारण ही इस नगरी का नाम कुशस्थली हुआ था।
हरिवंश पुराण में भी द्वारका नगरी का वर्णन किया गया है जहां बताया है कि यह वह स्थान है जहां यादव कुल ने एक पवित्र नगरी का निर्माण किया था। विष्णु पुराण में भी द्वारका नगरी के स्थापित होने की बात कही गई है।

!! जय श्री राम !!

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