*कांट्रेक्ट खेती में किसानों का हित सरकार की गारंटी*
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*कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से स्थापित होंगे 20 कृषि विज्ञान केन्द्र
*सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होंगे कृषि विज्ञान केन्द्र
*तकनीक से जोड़ कर किसानों की आमदनी होगी दोगुनी
*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या कुमारगंज स्थित आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में किसानों से किया संवाद
*लखनऊ। 20 दिसम्बर
कांट्रेक्ट खेती को लेकर विपक्ष किसानों को गुमराह करने का काम कर रहा है। यह दो लोगों के बीच आपसी समझौता है। कांट्रेक्ट खेती से किसानों की फसल पर कब्जा जैसी बात पूरी तरह से भ्रामक है। सरकार गारंटी ले रही है कि कांट्रेक्ट खेती शुरू होने पर किसानों हित का पूरा ख्याल रखा जाएगा। इससे किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के कुमारगंज स्थित आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित कृषक भाईयों से संवाद कार्यक्रम में कहीं। मुख्यमंत्री ने अयोध्या, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बाराबंकी, बलरामपुर समेत 15 जिलों में कृषि,कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान, पशुपालन,मत्सय पालन, सिंचाई की 89.90 करोड़ रुपए की 40 परियोजनाओं का लोकापर्ण व शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष भ्रामक प्रचार कर रहा है कि कृषि कानून लागू होने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समाप्त हो जाएगा और मंडिया बंद हो जाएगी, ऐसा बिल्कुल नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कानून लागू होने के बाद किसान अपनी फसल कहीं पर भी अच्छी कीमत पर बेच सकता है। केन्द्र सरकार किसानों के हितों को संरक्षित करने काम लगातार करती आ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी एक्सपोर्ट करने वाले किसान भाईयों को एक्सपोर्ट सब्सिडी जारी करने काम किया जा रहा है। जो जल्दी उनके खातों में पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रयास में है।
*25 दिसम्बर को पीएम देंगे किसानों को सौगात*
मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को दबाए रखा लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को एमएसपी देने की गारंटी दी। फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री ने किसान निधि सम्मान को लागू किया। अब 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसान निधि सम्मान के जरिए बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी के 2 करोड़ 30 लाख किसानों समेत देश के 9 करोड़ किसानों को किसान निधि सम्मान का 18 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके खाते में भेजे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मेलनों के जरिए किसानों व देश की जनता का भरोसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल बेचने में अभी बिचौलियों और दलालों हावी रहते थे लेकिन कृषि कानून लागू से होने से किसान अपनी फसल सीधे बेच सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में चीनी मिलें बंद नहीं हुई बल्कि सरकार ने गन्ना मिलों तक पहुंचाने का काम किया। गेहूं व धान का क्रय पूरी ईमानदारी से किया गया। प्रदेश सरकार ने 26 लाख मिट्रिक टन गेहूं और 52 लाख मिट्रिक टन धान क्रय किया है।
*खेती में तकनीक लाएगी किसानों की खुशहाली*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिए तीन सालों में 20 कृषि विज्ञान केन्द्रों को स्थापित किया गया है। इनमें से कुछ केन्द्रों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ बनाए जाने की तैयारी है। जहां पर वैज्ञानिक तरीके से फसल उगाने की जानकारी किसानों को दी जाएगी। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी, साथ ही कृषि से जुड़ी जानकारियों में बढ़ोत्तरी होगी। किसान तकनीकी जानकारी हासिल करके दूसरों के लिए प्ररेणा बन सकेंगे। तकनीक के जरिए किसानों के जीवन में परिवर्तन आएगा।
*किसानों को दिलाई कर्ज से मुक्ति*
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के कर्ज माफ करने का फैसला किया गया। खेत से खलिहान और बीज से खाद तक को एक चेन से जोड़ने का काम किया गया। रिकार्ड उत्पादन कर खाद्यान्न आत्मनिर्भरता लाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की योजनाओं का लाभ कभी पात्रों तक नहीं पहुंच पाया। 2014 में केन्द्र में सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने भेदभाव रहित कार्य करने का ऐलान किया, ताकि पात्रों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सकें। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पात्रों को मिल सका। चेहरे देख कर लोगों को लाभ नहीं दिया गया।