पीएम व सीएम के हाथो जनपद मे आधारशिला रखी जाने वाली पेयजल परियोजनाओ मे उर्जांचल की परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना भी सम्मिलित।

• 289 करोड की लागत से परासी ग्राम समुह पेयजल योजना का होना है निर्माण, 37 गांवो मे पेयजल आपुर्ति प्रस्तावित।

सोनभद्र।भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सुबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कल वर्चुअल माध्यम से जनपदः-सोनभद्र मे 14 पेयजल परियोजनाओ की वर्चुअल माध्यम से आधारशिला रखेंगे। जिसमे उर्जांचल की परासी ग्राम समुह पेयजल योजना भी सम्मिलित है। परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना की लागत 289 करोड रुपये है जिसमे 530 किमी पाईप लाईन बिछाते हुये उर्जांचल के ककरी, परासी, गरबन्धा, नकटी, परतलिया, जमशिला, कोहरौलिया, खडिया, कोटा, परसवार बाबु, बडवा भटवारी, जोगी चौरा, भैरवां, जोगिया, चिल्काटांड, रानीबारी, जोगेन्द्रा, रणहोर, रेहटा, बांसी, बरवानी, चन्दुआर, घरसडी, कौहरोल, मिसिरा, परसवार राजा, परसवार चौबे, पिपरी, बेलवादह,लभरी, मकरा, पाटी, खैरी, सेन्दुर आदि गांवो मे पाईप लाईन के माध्यम से हर घर तक नल से पेयजल आपुर्ति किया जाना प्रस्तावित है। परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना से आच्छादित अधिकांश गांव क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया मे सम्मिलित है तथा इन गांवो को भारत सरकार की हर घर नल से जल योजना मे प्रारम्भिक सर्वे मे इनके औद्योगिक क्षेत्र मे स्थित होने के कारण सम्मिलित नही किया गया था जबकि उर्जाचलवासी लम्बे समय से पाईप लाईन आधारित पेयजल परियोजना की मांग कर रहे थे जिसे सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा द्वारा सेवानिवृत्त न्यायाधीश, हाईकोर्ट इलाहाबाद की अध्यक्षता वाली एनजीटी की ओवरसाईट कमेटी के 09 सितम्बर, 2019 को आयोजित बैठक मे उठाया गया था तथा यह तथ्य रखा गया था इनमे से सभी गांवो मे शुध्द पेयजल आपुर्ति नही होती है तथा जिन गांवो मे पुर्व मे एनजीटी के आदेश पर आर.ओ संयंत्र स्थापित किये गये है उन आर.ओ संयत्रो से प्राप्त होने वाले शोधित जल से सम्पुर्ण आबादी को प्रति व्यक्ति 10 लीटर के हिसाब से शुध्द पेयजल की आपुर्ति नही हो पा रही है साथ ही साथ जल शुध्दिकरण की प्रक्रिया मे बडी मात्रा मे पानी बर्बाद हो रहा है व जिससे भुगर्भ जल भी प्रभावित हो रहा है जिसके पश्चात ओवरसाईट कमेटी के समक्ष जिलाधिकारी-सोनभद्र द्वारा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल से जल योजना से छुटे हुये इन गांवो को सम्मिलित करने का आश्वासन दिया गया था जिसके पश्चात सर्वेक्षण कराकर इन गांवो को सम्मिलित कर परासी पेयजल समुह परियोजना प्रस्तावित की गयी थी जिसकी निविदा प्रक्रिया पुर्ण हो चुकी है। परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना की जल शोधन क्षमता 40 मिलियन लीटर डेली की है जिससे प्रारम्भ मे कुल 2,19,445 लोगो तक पेयजल आपुर्ति प्रस्तावित है तथा वर्ष 2051 तक परासी ग्राम समुह पेयजल परियोजना की जल शोधन क्षमता बढाकर 63 मिलीयन लीटर डेली करते हुये 4,50,213 लोगो को पाईप लाईन के माध्यम से शोधित पेयजल उपलब्ध कराया जाना लक्षित किया गया है। परियोजना के निर्माण के पश्चात रख रखाव व संचालन का कार्य भी दस वर्षो तक निर्माण कम्पनी एल एण्ड टी द्वारा ही किया जायेगा। उर्जांचल के गांवो मे शुध्द पेयजल आपुर्ति हेतु इस वृहद परियोजना की आधारशिला रखे जाने की घोषणा होने पर लम्बे समय से उर्जांचल मे शुध्द पेयजल आपुर्ति हेतु पाईप लाईन आधारित परियोजना की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता व एनजीटी मे याचिकाकर्ता रहे पंकज मिश्रा ने हर्ष जताया है तथा कहा है कि अब विश्वास है कि दो वर्ष की निर्धारित समयावधि मे उर्जांचल के लोगो को पाईप लाईन के माध्यम से शोधित पेयजल प्राप्त हो सकेगा और शुध्द पेयजल की समस्या से जुझ रहे क्रिटिकली पाल्युटेड एरिया के रुप मे चिन्हित उर्जांचल को इस समस्या का स्थाई समाधान मिल सकेगा।

Translate »