जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शास्त्रों मे हर देवता के लिए भिन्न -भिन्न दीपक जलाने का विधान है जानिए ! किस देवता के लिए कौन सा दीपक जलाना चाहिए

धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शास्त्रों मे हर देवता के लिए भिन्न -भिन्न दीपक जलाने का विधान है जानिए ! किस देवता के लिए कौन सा दीपक जलाना चाहिए

जब हम किसी देवता का पूजन करते हैं तो सामान्यतः दीपक जलाते हैं। दीपक किसी भी पूजा का महत्त्वपूर्ण अंग है । हमारे मस्तिष्क में सामान्यतया घी अथवा तेल का दीपक जलाने की बात आती है और हम जलाते हैं। जब हम धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भिन्न-भिन्न देवी-देवताओं की साधना अथवा सिद्धि के मार्ग पर चलते हैं तो दीपक का महत्व विशिष्ट हो जाता है। दीपक कैसा हो, उसमे कितनी बत्तियां हों , इसका भी एक विशेष महत्त्व है। उसमें जलने वाला तेल व घी किस-किस प्रकार का हो, इसका भी विशेष महत्त्व है। उस देवता की कृपा प्राप्त करने और अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये सभी बातें महत्वपूर्ण हैं।
हमें आर्थिक लाभ प्राप्त करना हो तो नियम पूर्वक अपने घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
हमें शत्रुओं से पीड़ा हो तो सरसों के तेल का दीपक भैरव जी के सामने जलाना चाहिये।
भगवान सूर्य की प्रसन्नता के लिए घी का दीपक जलाना चाहिए ।
शनि के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
पति की दीर्घायु के लिए गिलोय के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
राहु तथा केतु ग्रह के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
किसी भी देवी या देवता की पूजा में गाय का शुद्ध घी तथा एक फूल बत्ती या तिल के तेल का दीपक आवश्यक रूप से जलाना चाहिए।
भगवती जगदंबा व दुर्गा देवी की आराधना के समय एवं माता सरस्वती की आराधना के समय तथा शिक्षा-प्राप्ति के लिए दो मुखों वाला दीपक जलाना चाहिए।
भगवान गणेश की कृपा-प्राप्ति के लिए तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए।
भैरव साधना के लिए सरसों के तेल का चैमुखी दीपक जलाना चाहिए।
मुकदमा जीतने के लिए पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए।
भगवान कार्तिकेय की प्रसन्नता के लिए गाय के शुद्ध घी या पीली सरसों के तेल का पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए ।
भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए आठ तथा बारह मुखी दीपक पीली सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए।
लक्ष्मी जी की प्रसन्नता के लिए घी का सात मुखी दीपक जलाना चाहिए।
भगवान विष्णु की दशावतार आराधना के समय दस मुखी दीपक जलाना चाहिए।
इष्ट-सिद्धि तथा ज्ञान-प्राप्ति के लिए गहरा तथा गोल दीपक प्रयोग में लेना चाहिए।
शत्रुनाश तथा आपत्ति निवारण के लिए मध्य में से ऊपर उठा हुआ दीपक प्रयोग में लेना चाहिए।
लक्ष्मी-प्राप्ति के लिए दीपक सामान्य गहरा होना चाहिए।
हनुमानजी की प्रसन्नता के लिए तिकोने दीपक का प्रयोग करना चाहिए और उसमें चमेली के तेल का प्रयोग करना चाहिए।
दीपक कई प्रकार के हो सकते हैं। जैसे मिट्टी, आटा, तांबा, चांदी, लोहा, पीतल अथवा स्वर्ण धातु का। मूंग, चावल, गेहूं, उड़द तथा ज्वार को समान भाग में लेकर उसके आटे से बना दीपक सभी प्रकार की साधनाओं में श्रेष्ठ होता है। किसी-किसी साधना में अखंड ज्योति जलाने का भी विशेष विधान है जिसे गाय के शुद्ध घी और तिल के तेल के साथ भी जलाया जा सकता है। यह प्रयोग विशेषत: आश्रमों और देव स्थानों के लिए करना चाहिए।
अगर हमें आर्थिक लाभ प्राप्त करना हो तो नियम पूर्वक अपने घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
दीपको से करिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न,
माता लक्ष्मी को प्रकाश बेहद प्रिय है। इसलिए दीपावली पर दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है। दीपक कहां कहां जलाए जाने चाहिए। दीपावली की रात अपने घर में सात स्थानों पर दीपक का प्रकाश जरुर करें।
पहला धन स्थान या तिजोरी- घर में जहां भी आप रुपए पैसे रखते हैं, वहां दीपक जरुर जलाएं।
दूसरा वाहन स्थल- जहां भी आपका वाहन खड़ा होता है, वहां प्रकाश जरुर करें। भले ही वह सायकिल क्यों न हो। माता की कृपा से बड़ा वाहन प्राप्त होगा।
तीसरा जल स्थल- घर में जहां कहीं भी पानी का भंडार होता है, उस स्थान को भी प्रकाशित करें।
चौथा भंडार गृह- घर में जहां भी अन्न भंडार होता है, वहां दीया अवश्य जलाएं।
पांचवां रसोईघर- रसोई घर की सबसे पवित्र जगह है। यहां दीपक जरुर प्रज्जवलित करें।
छठा मुख्य द्वार- घर के मुख्य द्वार से ही मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इसलिए वहां माता के स्वागत के लिए दीया जरुर होना चाहिए।
सातवां पूजा गृह- पूजा घर में चौमुखा दीपक जलाएं और प्रयास करें कि ये दीपक रात भर जलता रहे।
इन स्थानों पर दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और उस घर में स्थायी रुप से निवास करती हैं।
दिवाली की रात में दीपक के कुछ अन्य उपाय
पीपल के पेड़ के नीचे दीपावली की रात एक दीपक लगाकर घर लौट आएं। दीपक लगाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने पर आपकी धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
यदि संभव हो सके तो दिवाली की रात के समय किसी श्मशान में दीपक लगाएं। यदि यह संभव ना हो तो किसी सुनसान इलाके में स्थित मंदिर में दीपक लगा सकते हैं।
धन प्राप्ति की कामना करने वाले व्यक्ति को दीपावली की रात मुख्य दरवाजे की चौखट के दोनों ओर दीपक अवश्य लगाना चाहिए।
हमारे घर के आसपास वाले चौराहे पर रात के समय दीपक लगाना चाहिए। ऐसा करने पर पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
घर के पूजन स्थल में दीपक लगाएं, जो पूरी रात बुझना नहीं चाहिए। ऐसा करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
किसी बिल्व पत्र के पेड़ के नीचे दीपावली की शाम दीपक लगाएं। बिल्व पत्र भगवान शिव का प्रिय वृक्ष है। अत: यहां दीपक लगाने पर उनकी कृपा प्राप्त होती है।
घर के आसपास जो भी मंदिर हो वहां रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। इससे सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
घर के आंगन में भी दीपक लगाना चाहिए। ध्यान रखें यह दीपक भी रातभर बुझना नहीं चाहिए।
घर के पास कोई नदी या तालब हो तो बहा पर रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। इस से दोषो से मुक्ति मिलती है !
तुलसी जी और के पेड़ और सालिगराम के पास रात के समय दीपक अवश्य लगाएं। ऐसा करने पर महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
पित्रो का दीपक गया तीर्थ के नाम से घर के दक्षिण में लगाये ! इस से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

Translate »