जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जानिए क्यों मनाते हैं दीपावली का त्यौहार ?

धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से जानिए क्यों मनाते हैं दीपावली का त्यौहार ?

इसका अधिकतर उत्तर मिलता है राम जी के वनवास से अयोध्या लौटने की ख़ुशी में।

यह सत्य है पर अधूरा है

अगर ऐसा ही है तो फिर हम सब दीपावली पर भगवन राम की पूजा क्यों नहीं करते? लक्ष्मी जी और गणेश भगवान की क्यों पूजा करते हैं?

सोच में पड़ गए न आप भी ॽ
इसका उत्तर आप तक पहुँचाने का प्रयत्न कर रहा हूँ अगर कोई त्रुटि रह जाये तो क्षमा कीजियेगा।

  1. देवी लक्ष्मी जी का प्राकट्य: देवी लक्ष्मी जी कार्तिक मास की अमावस्या के दिन समुद्र मंथन में से अवतार लेकर प्रकट हुई थीं। इसलिये धन की देवी लक्ष्मी की हम सब इस दिन पूजा करते हैं ।

2 नरकासुर वध कृष्ण द्वारा:

इस दिन (चतुर्दशी को) भगवान कृष्ण ने राक्षसों के राजा नरकासुर का वध कर उसके चंगुल से 16000 औरतों को मुक्त करवाया था। इसी ख़ुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया। इसे विजय पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

3 पांडवों की वापसी:

महाभारत में लिखे अनुसार कार्तिक अमावस्या को पांडव अपना 12 साल का वनवास पूर्ण कर लिये थे, जो की उन्हें चौसर में कौरवों द्वारा हराये जाने के परिणाम स्वरूप मिला था। इस प्रकार उनके वनवास पूर्ण होने की खुशी में उनके समर्थकों ने दीपावली मनाई ।

4 राम चंद्र जी की विजय पर

रामायण के अनुसार ये कार्तिक मास की अमावस्या के दिन थी जब भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण जी अयोध्या वापिस लौटे थे रावण और उसकी लंका का दहन करके। अयोध्या के नागरिकों ने पूरे राज्य को इस प्रकार दीपमाला से प्रकाशित किया था जैसा आजतक कभी भी नहीं हुआ था।

  1. विक्रमादित्य का राजतिलक:

आज ही के दिन भारत के महान राजा विक्रमादित्य का राज्याभिषेक हुआ था। इसी कारण दीपावली अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना भी है।

6 आर्य समाज के लिए प्रमुख दिन:

आज ही के दिन कार्तिक अमावस्या को एक महान व्यक्ति स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने हिंदुत्व का अस्तित्व बनाये रखने के लिए आर्य समाज की स्थापना की थी।

7 जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण दिन:

महावीर तीर्थंकंर जी ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन ही मोक्ष प्राप्त किया था।

8 सिक्खों के लिए महत्त्व

तीसरे सिक्ख गुरु अमरदास जी ने लाल पत्र दिवस के रूप में मनाया था जिसमें सभी श्रद्धालु गुरु से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे और 1577 में अमृतसर में हरिमंदिर साहिब का शिलान्यास किया गया था।

1619 में सिक्ख गुरु हरगोबिन्द जी को ग्वालियर के किले में 52 राजाओं के साथ मुक्त किया गया था जिन्हें मुगल बादशाह जहांगीर ने नजरबन्द किया हुआ था। इसे सिक्ख समाज बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी जानते हैं।

भगवान् गणेश सभी देवों में प्रथम पूजनीय हैं इसी कारण उनकी देवी लक्ष्मी जी के साथ दीपावली पर पूजा होती है और बाकी सभी कारणों के लिए हम दीपमाला लगाकर दीपावली का त्यौहार मनाते है।

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