इंसान हेतु कानून, कानून हेतु इंसान नहीं: आचार्य प्रमोद चौबे

-बंदी की सफलता में व्यवसायियों की सहमति
-पुनर्वास के समर्थन में आंदोलन
-कोरोना19 का सभी रखें ख्याल
ओबरा (सतीश चौबे) : रात्रि कालीन नियमित चलने वाली गल्ला मंडी की सभा में व्यापारियों ने 17 अक्टूबर की सीमित बंदी को सफल बनाने पर सर्व सम्म्मति बनी। सभा में ओबरा बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक आचार्य प्रमोद चौबे ने कहा कि स्वत: बंदी की सफलता के लिए व्यापारियों ने सहमति दी है।
संयोजक ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्व में बनी सहमति के विपरीत व्यक्तिगत कारणों से सैकड़ों दुकानों को जमीदोंज कर दिया गया, जिससे आए दबाव में अब छह व्यापारियों ने दम तोड़ दिया है। इंसान के लिए कानून है। कानून के लिए इंसान नहीं है। इसकी अनदेखी अमानवीयता को दर्शाती है। गम में पड़े व्यापारियों को उजाड़ने की कोशिश असंवेदनशीलता का परिचय दे रही है। उजाड़ने के पीछे व्यक्तिगत मुद्दे से व्यापारी व अधिकारी सहमें हैं।

अभी भी कुछ लोग ने कानून को ढाल बनाकर सामाजिक तानाबाना को बिखरने की कोशिश कर रहे हैं। गुप्तचर एजेंसियां इसे गम्भीरता से लेते हुए संदिग्ध लोगों को चिह्नित करें। सभा में भोला कनौजिया, रवींद्र गर्ग,मनोज सिंह, लालबाबू सोनकर, मुस्लिम अंसारी, रामबाबू केसरी, कौसर अली, दिलीप सिंह, गिरीश कुमार पांडेय आदि मौजूद रहे।
हुकूमत की साख को बट्टा
अनाउंसमेंट के विपरीत करीब दो दर्जन दुकानें तोड़कर स्थिति को और विकट बना दिया गया है। जिससे यूपी की हुकूमत की साख को कुछ लोगों ने बट्टा लगाया दिया है।
आवंटित कराने का प्रयास करेगी बीजेपी
सभा स्थलपर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय मंत्री विशाल गुप्ता ने व्यापारियों के दुःख-दर्द को सुना। भरोसा दिया कि जिले के प्रभारी मंत्री व सीजीएम ओबरा से मिलकर दुकानदारों को जमीन दिलाने पूरा प्रयास करेंगे।
दुकानदारों को करें पुनर्स्थापित
सभा में उजाड़ने के दंश से छटपटा रहे मौजूद सभी व्यापारियों ने तोड़ी गई दुकानों के स्थान पर दुकानों के पुनर्स्थापना की सर्व सम्मति से मांग की, ताकि ओबरा बाजार को बचाया जा सके।
शोक सभा में मौन
उजड़ने से भयाक्रांत अब पांच व्यापारियों की मौत हृदय गति रुकने से हो चुकी है। दो मिनट का मौन रखकर उन्हें ईश्वर के चरणों में स्थान मिले। इसके लिए प्रार्थना की गई। बता दें कि प्रभावित क्षेत्र में बुधवार की प्रातः एक और व्यापारी का निधन हो गया।
जिम्मेदारों की पहल संतोषप्रद नहीं
एक के बाद एक मौत व्यापारियों की होती जा रही है पर प्रशासन पीड़ितों से सम्पर्क नहीं कर रहा है।

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