विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर हुई दयालुता विषयक गोष्ठी

सोनभद्र। कोरोना महामारी ने भारत समेत दुनिया भर के लोगो की मानसिक सेहत बिगाड़ दी है।

आज लोग नौकरी छूटने , आर्थिक तंगी व संक्रमण के डर से लोग सदमे में आ रहे है। आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर इस तरह के अवसाद से निपटने के लिए सूबे की योगी सरकार ने दयालुता विषयक गोष्ठी का आयोजन प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से आयोजित किया है।

सोनभद्र में आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर दयालुता विषयक जनपदस्तरीय गोष्ठी कलेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित की गयी। इस गोष्ठी में कोरोना पॉजिटिव से जंग जीत चुके अधिकारियों ने अपने उस वक्त की मानसिक स्थित को सबके सामने रखा। इस दौरान सीएमओ में बताया कि आज विश्व मानिसक दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन सदर विधायक के नेतृत्व में किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य आज के कोविड 19 के दौर में किस तरीके से लोगो को मानिसक रूप से स्वस्थ्य रखा जाय। आज तमाम तरह की झंझावातों को लोग झेलते है। इस गोष्ठी के माध्यम से अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाता है या पृर परिवार होता है तो किस तरह से उसें मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जाय यही प्रयास किया जा रहा है। वही मुख्य अतिथि सदर विधायक ने कहा कि कोविड 19 में मानिसक रूप से मरीजो को दयालुता के माध्यम से स्वस्थ्य रखा जा सकता है क्योकि दया ही सबसे बड़ी औषधि है जो व्यक्ति को मानिसक रूप से स्वस्थ रखती है।
आज सोनभद्र में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय मानिसक स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे जिले वह अधिकारी जो कोविड 19 से जंग जीत चुके है उन्होंने उस समय के मानसिक स्थित क्या होती है अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया।

इस दौरान सीएमओ डा. एस.के. उपाध्याय ने बताया कि आज विश्व मानिसक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन सदर विधायक के नेतृत्व में किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य आज के कोविड 19 के दौर में किस तरीके से लोगो को मानिसक रूप से स्वस्थ्य रखा जाय। आज तमाम तरह की झंझावातों को लोग झेलते है। इस गोष्ठी के माध्यम से अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हो जाता है या पृर परिवार होता है तो किस तरह से उसें मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जाय यही प्रयास किया जा रहा है।

वही मुख्य अतिथि सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि कोविड 19 में मानिसक रूप से मरीजो को दयालुता के माध्यम से स्वस्थ्य रखा जा सकता है क्योकि दया ही सबसे बड़ी औषधि है जो व्यक्ति को मानिसक रूप से स्वस्थ रखती है।

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