समर जायसवाल-
ग्रामीणों का आरोप, नदी के पाट को संकुचित कर कई मीटर पाट को कब्जे में मिलाया
तहसील मुख्यालय से महज 2 किमी दूर मुख्य मार्ग पर लबे रोड किया जा रहा कब्ज़ा
दुद्धी/ सोनभद्र| एक उत्तर प्रदेश सरकार जलश्रोतों से अवैध कब्जा हटायें जाने को दृढ़ संकल्पित है और प्रदेश के मुख्यमंत्री दर्जनों बार अधिकारियों को जलश्रोतों से अवैध कब्जा हटवाने के निर्देश दिए है|
लेकिन दुद्धी तहसील क्षेत्र में जलश्रोतों पर अवैध कब्जे की होड़ मची है|
ताजा वाकया यह है कि बीडर गांव में लौवा नदी के पाटों को संकुचित कर कतिपय लोगों द्वारा कई मीटर रकबे पर पक्की निर्माण कराकर अवैध कब्जा कराया जा रहा है जिससे पर्यावरण कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है|
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बीडर गांव मेन रांची रीवा मार्ग पर लौवा नदी किनारे किसी व्यक्ति द्वारा नदी के खाते में बोल्डर की चुनाई कर अवैध कब्जा किया जा रहा है और तहसील अधिकारी चुप्पी साधे बैठे है| अवैध कब्जे से नदी संकुचित हो गयी है और उसके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे है| पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने बताया कि गूगल पर लौवा नदी पुल दाहिनी तरफ 20 .16 मीटर नदी की चौड़ाई है थोड़ी नीचे चल कर 17.16 मीटर दिख रहा है जबकि अवैध कब्जे के बाद वास्तविक चौड़ाई काफी कम दिख रहा है|पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने उक्त मामले में लेखपाल की भूमिका की भी जांच की मांग की है कहा कि जब नदी के रकबे में निर्माण हो रहा था लेखपाल क्या कर रहें थे|ग्राम प्रधान नारद पटेल ने कहा कि नदी की तरफ कोई भी कार्य करने को मना किया गया है अब तहसील प्रसाशन नदी की वास्तविक चौड़ाई नापकर अवैध निर्माण को खाली कराये|जिससे जलश्रोतों का अस्तित्व खासकर पूर्वजों के धरोहर के रूप में विद्यमान लौवा नदी का अस्तित्व बच सके| इस संदर्भ में लेखपाल तेज प्रताप मौर्या ने बताया कि निर्माण नदी के रकबे में 1 मीटर घुस कर किया गया है ,काम रुकवा दिया गया है| वहीं उस स्थान पर नदी के चौड़ाई के बावत बताया कि इसके लिए नक्शा देखना पड़ेगा|
30 किमी के लौवा के सफर में जगह जगह अवैध कब्जा|
दुद्धी/सोनभद्र|अपने उद्गम स्थान कुंडाडीह से कनहर नदी मोहान तक लगभग 30 किमी दूरी तक लौवा नदी के पाटों पर दबंगों ने जगह जगह कब्ज़ा कर लिया है जिससे लौवा नदी का स्वरूप प्रशासनिक निरंकुशता से धीरे धीरे नाले में तब्दील होता जा रहा है|पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कर स्पेशल टीम गठित कर अवैध कब्जा हटाये जाने का मांग किया है जिससे नदी का वास्तविक स्वरूप मिल सकें|